उत्तरकाशी। देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर भीषण प्राकृतिक आपदा से दहल उठी है। गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली में मंगलवार दोपहर खीर गंगा नदी में बादल फटने से आए प्रलयंकारी सैलाब ने भारी तबाही मचाई है। दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक आए सैलाब के चलते पूरा इलाका कुछ ही पलों में मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। इस विनाशकारी घटना में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 15 से 20 होटल और आवासीय घरों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
आपदा की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तत्काल राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गईं। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्यों में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास लिमच्छा गाड पर बना पुल बह गया है और भटवाड़ी के पास सड़क का करीब डेढ़ सौ मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है, जिससे जिला मुख्यालय से हर्षिल क्षेत्र का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। इस कारण राहत टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है और उन्हें रोप के सहारे भेजा जा रहा है।
सरकार और सेना ने संभाला मोर्चा
आपदा की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और जिला आपदा नियंत्रण कक्ष में आला अधिकारियों के साथ राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
केदारनाथ आपदा की तरह इस बार भी सेना देवदूत बनकर बचाव कार्य में जुटी है। भारतीय सेना के 150 से अधिक जवान राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। सेंट्रल कमांड के जीओसी-इन-सी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के भी स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तरकाशी पहुंचने की सूचना है।
पूरे प्रदेश में अलर्ट, यात्रा और परीक्षाएं स्थगित
इस आपदा का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए देहरादून, नैनीताल, चमोली और पौड़ी समेत कई जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने भी अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है और घायलों के इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में आईसीयू बेड आरक्षित किए गए हैं। प्रभावितों को मानसिक संबल प्रदान करने के लिए तीन मनोचिकित्सकों की एक टीम भी धराली भेजी गई है। फिलहाल, प्रशासन का पूरा ध्यान फंसे हुए लोगों को निकालने और प्रभावितों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचाने पर केंद्रित है।
Pls reaD:Uttarakhand: उत्तरकाशी आपदा: मुख्यमंत्री धामी ने संभाला मोर्चा, राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी