Delhi: सबूतों के साथ करेंगे साबित, चुनाव आयोग खत्म हो चुका है- राहुल गांधी

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने देश की चुनाव प्रणाली और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अब तक का सबसे तीखा और सीधा हमला बोला है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित ‘वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव- 2025’ को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि भारत में चुनावी व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है और उनके पास इसे साबित करने के लिए ठोस सबूत हैं, जिन्हें वे जल्द ही देश के सामने रखेंगे। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले बहुमत को भी धांधली का परिणाम बताया।

अपने आक्रामक संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें 2014 के चुनावों से ही electoral system में कुछ गड़बड़ होने का संदेह था। उन्होंने कहा, “मैं आजकल देश की चुनाव प्रणाली के बारे में बोल रहा हूं। मुझे हमेशा से संदेह था कि 2014 से ही कुछ गड़बड़ है। मेरा यह संदेह गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान और गहरा हो गया था।”

महाराष्ट्र का उदाहरण देकर उठाए गंभीर सवाल

राहुल गांधी ने अपने आरोपों को बल देने के लिए महाराष्ट्र के हालिया चुनावी नतीजों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “जब भी हम चुनाव के बारे में बात करते थे, तो लोग हमसे सबूत मांगते थे। फिर महाराष्ट्र में कुछ ऐसा हुआ, जिसने हमारे संदेह को यकीन में बदल दिया।” उन्होंने विस्तार से बताया, “महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव हम जीते, लेकिन महज चार महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में न केवल हम हारे, बल्कि हमारा सफाया हो गया। तीन मजबूत जनाधार वाली पार्टियां अचानक गायब हो गईं।”

उन्होंने दावा किया कि इसके बाद कांग्रेस ने चुनावी कदाचार पर गंभीरता से जांच शुरू की। राहुल ने कहा, “हमें महाराष्ट्र में पता चला कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच केवल चार महीनों में एक करोड़ नए मतदाता सूची में शामिल हुए। इनमें से अधिकांश वोट भाजपा को गए। इसलिए अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं।”

“चुनाव आयोग जैसी संस्था अब मौजूद नहीं”

कांग्रेस सांसद ने चुनाव आयोग की साख पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि यह संस्था अपना अस्तित्व खो चुकी है। उन्होंने कहा, “हमारे पास ऐसे सबूत हैं जो पूरे देश को दिखा देंगे कि चुनाव आयोग जैसी संस्था अब मौजूद ही नहीं है। यह गायब हो चुकी है। इस सबूत को खोजने में हमें छह महीने तक बिना रुके काम करना पड़ा।” अपने दावे को और पुख्ता करते हुए उन्होंने एक आंकड़ा भी पेश किया और कहा, “आप बिना किसी संदेह के देखेंगे कि कैसे एक लोकसभा चुनाव चुराया जाता है। जहां 6.5 लाख मतदाता वोट करते हैं, उनमें से 1.5 लाख मतदाता फर्जी होते हैं।”

प्रधानमंत्री के बहुमत को दी चुनौती

राहुल गांधी केवल चुनाव आयोग पर ही नहीं रुके, बल्कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों की वैधता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा, “हम आने वाले कुछ दिनों में यह साबित कर देंगे कि कैसे एक लोकसभा चुनाव में धांधली हो सकती है और वास्तव में ऐसा हुआ भी है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के जनादेश को चुनौती देते हुए कहा, “सच्चाई यह है कि भारत में चुनाव प्रणाली पहले ही खत्म हो चुकी है। भारत के प्रधानमंत्री बहुत कम बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने हैं। अगर 15 सीटों पर धांधली नहीं हुई होती, तो वे आज भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते।”

राहुल गांधी ने पिछले एक दशक में भाजपा को मिली प्रचंड जीतों पर भी आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस का खाता तक न खुलना बेहद आश्चर्यजनक था और यह किसी बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केरल की वायनाड सीट से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता और कानूनी विशेषज्ञ भी मौजूद थे। राहुल गांधी के इन विस्फोटक दावों ने देश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है और अब सभी की निगाहें उन सबूतों पर टिक गई हैं, जिन्हें पेश करने का उन्होंने वादा किया है।

 

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