Punjab: जालंधर ऑक्सीजन कांड- मेडिकल सुपरिंटेंडेंट समेत तीन डॉक्टर सस्पेंड, हाउस सर्जन बर्खास्त

चंडीगढ़:

जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से हुई मरीजों की दुखद मौत के मामले में पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। घोर लापरवाही के इस मामले में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और सीनियर मेडिकल ऑफिसर समेत तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक हाउस सर्जन को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।

निलंबित किए गए अधिकारियों में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट राज कुमार, सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) सुरजीत सिंह और ड्यूटी पर तैनात कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. सोनाक्षी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और उन्हें सेवा से बर्खास्त कर सेवा के सभी लाभों से वंचित किया जा सकता है।” उन्होंने दोहराया कि इस ‘अक्षम्य’ प्रशासनिक विफलता के लिए उदाहरणीय सजा दी जाएगी।

कर्तव्य में घोर लापरवाही के लिए हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, रविवार शाम को जालंधर सिविल अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक बाधित हो गई थी, जिससे तीन गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मौत हो गई थी।

मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह घटना प्रशासनिक विफलता के कारण हुई, जबकि अस्पताल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा, जनशक्ति और ऑक्सीजन आपूर्ति के कई स्रोत उपलब्ध थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में डुअल कंप्रेशर्स के साथ एक फंक्शनल प्रेशर स्विंग एडसोर्प्शन (PSA) ऑक्सीजन प्लांट, 18-20 सिलेंडरों वाला एक मैनिफोल्ड सिस्टम और एक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट मौजूद था, जो चार बैकअप स्रोतों को सुनिश्चित करता था। इसके बावजूद, ड्यूटी स्टाफ द्वारा गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम करने के कारण ऑक्सीजन प्रेशर में घातक गिरावट आई।

डॉ. बलबीर सिंह ने जोर देकर कहा, “यह लापरवाही पूरी तरह से प्रशासनिक थी। अस्पताल में 49 इंटरनल मेडिकल ऑफिसर, 46 डीएनबी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मेडिकल ऑफिसर हैं – यानी हर बिस्तर पर एक डॉक्टर सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त स्टाफ है। फिर भी, कर्तव्य में घोर लापरवाही के कारण जानें चली गईं।” उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हमेशा राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर (ओटी) और आपातकालीन वार्डों सहित सभी महत्वपूर्ण इकाइयों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति और पावर बैकअप सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा, “सभी सरकारी अस्पतालों में 24×7 ऑक्सीजन की उपलब्धता, 30 मिनट के बैकअप के साथ फंक्शनल यूपीएस सिस्टम और पूरी तरह से चालू जेनरेटर सेट होने चाहिए। इस तरह की चूकों के लिए कोई बहाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

 

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