देहरादून।
उत्तराखंड में विकास कार्यों की धीमी गति और जन समस्याओं के प्रति अधिकारियों के रवैये को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने एक नई व्यवस्था लागू करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अधिकारी विधायकों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं को पूरी गंभीरता से लें और उनके साथ निरंतर संवाद स्थापित करें। इसके साथ ही, अब हर तीन महीने में मुख्यमंत्री स्वयं लोकसभा क्षेत्रवार योजनाओं की समीक्षा करेंगे।
यह महत्वपूर्ण निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को सचिवालय में टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
हर विधानसभा के लिए नोडल अफसर, CM करेंगे सीधी निगरानी
मुख्यमंत्री ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राज्य की सभी 70 विधानसभाओं में शासन-प्रशासन और विधायक के बीच एक सेतु के रूप में काम करने के लिए अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी देने का निर्देश दिया है। ये अधिकारी नोडल अफसर के रूप में काम करेंगे और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए जवाबदेह होंगे।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वह स्वयं प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की हर तीन महीने में समीक्षा करेंगे, जिससे योजनाओं की प्रगति पर उनकी सीधी नजर रहेगी। उन्होंने मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया कि वे भी विधानसभावार कार्यों की नियमित समीक्षा करें।
एक सप्ताह में मांगी एक्शन-टेकन रिपोर्ट
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि विधायकों द्वारा आज जो भी जन समस्याएं उठाई गई हैं, उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर संबंधित विधायक और मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा, “जन समस्याओं का समाधान राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनहित से जुड़े कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो।”
मानसून के बाद कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मानसून के बाद सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने सभी विधायकों से कहा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में लघु, मध्यम और दीर्घ अवधि में पूरे होने वाले कार्यों का प्रस्ताव भेजें ताकि उन पर समयबद्ध तरीके से काम शुरू किया जा सके।
बैठक के दौरान विधायकों ने अपने क्षेत्रों से जुड़ी समस्याएं जैसे- सड़कों का निर्माण और चौड़ीकरण, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, जलभराव, सौंदर्यीकरण, सिंचाई, ड्रेनेज, सीवरेज और तटबंध निर्माण जैसे मुद्दे उठाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन सभी समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा की गई 469 घोषणाओं में से 305 पूरी हो चुकी हैं, जबकि शेष पर कार्य तेजी से चल रहा है। इस बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश विधायक और शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
Pls reaD:Uttarakhand: पंचायत चुनाव: 34 हजार उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कल, विजय जुलूस पर रोक