शिमला।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों, किसानों और आम जनता के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में 1386 जल रक्षकों को नियमित करने, बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के तहत सेब का समर्थन मूल्य तय करने और आपदा प्रबंधन को लेकर कई अहम सुधारों को मंजूरी दी गई।
जल रक्षकों को मिली बड़ी सौगात
कैबिनेट ने 31 दिसंबर 2024 तक 12 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूरी करने वाले 1,386 पात्र जल रक्षकों को जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के रूप में शामिल करने का फैसला किया है। सरकार के इस कदम से लंबे समय से अपने नियमितीकरण की राह देख रहे जल रक्षकों को बड़ी राहत मिली है।
किसानों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना को मंजूरी
बागवानों को राहत देते हुए कैबिनेट ने वर्ष 2025 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के तहत 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सेब की खरीद को मंजूरी दी। इसके अलावा, बी और सी ग्रेड किन्नू, माल्टा और संतरे को 12 रुपये प्रति किलोग्राम, गलगल को 10 रुपये प्रति किलोग्राम और सीडलिंग, ग्राफ्टेड व कच्चा अचारी आम को 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जाएगा।
आपदा प्रबंधन पर बड़े सुधारों को हरी झंडी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता वाली आपदा प्रबंधन और पुनर्वास पर गठित कैबिनेट उप-समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी गई। इन सिफारिशों के तहत:
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आपदाओं के दौरान संरचनात्मक क्षति के जोखिम को कम करने के लिए राज्य भर में भवनों का संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा और रेट्रोफिटिंग के उपाय किए जाएंगे।
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पूरे राज्य में भूकंपरोधी और आपदा-प्रतिरोधी निर्माण को अनिवार्य किया जाएगा।
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आपात स्थिति के दौरान समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाओं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) के आपदा प्रबंधन सेल के साथ एकीकृत किया जाएगा।
स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निर्णय
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कैंसर उपचार: राज्य भर के जिला अस्पतालों और चयनित आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में कीमोथेरेपी के लिए 18 डे-केयर केंद्रों का उन्नयन किया जाएगा, ताकि कैंसर रोगियों को उनके जिलों के भीतर ही उपचार मिल सके।
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स्वास्थ्य अधोसंरचना: कुल्लू के नागरिक अस्पताल तेगू-बेहड़ में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक और जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, मनाली, सोलन, पांवटा, देहरा, रिकांग पियो और हमीरपुर के अस्पतालों के लिए भी चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति को मंजूरी मिली।
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डेयरी विकास: नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, हिमाचल प्रदेश दुग्ध महासंघ में एक ERP सॉफ्टवेयर प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे किसानों को मोबाइल पर आसानी से जानकारी मिल सकेगी।
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अन्य निर्णय: कांगड़ा जिले के देहरा में दुर्गेश-अरण्य जूलॉजिकल पार्क के विकास के लिए 325 पेड़ों के स्थानांतरण को मंजूरी दी गई। देहरा में एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) खोलने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभिन्न शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के युक्तिकरण को भी मंजूरी दी गई।
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