चंडीगढ़। पंजाब में किसानों के हितों की रक्षा और कृषि क्षेत्र में धोखाधड़ी को रोकने के लिए भगवंत मान सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। पंजाब कैबिनेट ने राज्य में नकली और घटिया बीजों की बिक्री को एक गैर-जमानती अपराध बनाने का निर्णय किया है। इसके लिए ‘सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025’ को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी गई है, जिसका उद्देश्य किसानों को धोखा देने वाले दोषियों को सख्त सजा दिलाना है।
सजा और जुर्माने में भारी बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए इस निर्णय के तहत, दशकों पुराने कानून में संशोधन कर सजा और जुर्माने के प्रावधानों को बेहद कड़ा कर दिया गया है। नए प्रस्ताव के अनुसार:
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कंपनी के लिए: पहली बार अपराध करने पर कंपनी को 1 से 2 साल की सजा और 5 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। यदि वही कंपनी दोबारा यह अपराध करती है, तो सजा 2 से 3 साल और जुर्माना 10 से 50 लाख रुपये तक होगा।
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डीलर या व्यक्ति के लिए: किसी डीलर या व्यक्ति द्वारा पहली बार अपराध करने पर 6 महीने से 1 साल की सजा और 1 से 5 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। दोबारा अपराध करने पर सजा 1 से 2 साल और जुर्माना 5 से 10 लाख रुपये तक होगा।
यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले 1966 के सीड एक्ट के तहत इस अपराध के लिए पहली बार मात्र 500 रुपये और दूसरी बार 1000 रुपये जुर्माने के साथ छह महीने की सजा का प्रावधान था, जो दोषियों को रोकने में पूरी तरह ناکام साबित हो रहा था।
निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी बड़ा फैसला
किसानों को राहत देने के साथ-साथ, कैबिनेट ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंत्रिमंडल ने निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन (बिक्री या लीज पर) उपलब्ध कराने के लिए एक व्यापक और सुव्यवस्थित ढांचे को मंजूरी दी है। इसके तहत एक ‘डिजिटल लैंड पूल’ बनाया जाएगा और 200 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए एक निवेशक सुविधा प्रक्रिया, ई-नीलामी और लीज जैसे विकल्पों के साथ एक समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, ताकि निवेशकों को जमीन हासिल करने में कोई परेशानी न हो।