चंडीगढ़/बठिंडा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को अपनी जान पर खेलकर 11 लोगों को डूबने से बचाने वाले बठिंडा पुलिस की पीसीआर टीम के चार जांबाज पुलिसकर्मियों को अपने सरकारी आवास पर आमंत्रित कर विशेष रूप से सम्मानित किया। उन्होंने इन बहादुर पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाते हुए उनके अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा की जमकर प्रशंसा की।
इस सम्मान समारोह के दौरान बठिंडा की एसएसपी अमनीत कौंडल भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री से मिलने वाली इस हीरो टीम में सहायक सब-इंस्पेक्टर (ASI) राजिंदर सिंह, ASI नरिंदर सिंह, सीनियर सिपाही जसवंत सिंह और महिला सीनियर सिपाही हरपाल कौर शामिल थीं। मुख्यमंत्री ने इन सभी को भविष्य में भी इसी बहादुरी और ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी करने के लिए प्रेरित किया।
क्या थी वह भयावह घटना?
यह मामला बीती 23 जुलाई की सुबह का है, जब बठिंडा की सरहिंद नहर में बहमन पुल के पास एक कार अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। कार में पांच बच्चों समेत कुल 11 लोग सवार थे, जो देखते ही देखते तेज बहाव में डूबने लगे। चीख-पुकार सुनकर वहां अफरा-तफरी मच गई।
कैसे बने पुलिसकर्मी ‘फरिश्ता’?
उसी समय, बहमन पुल के पास ड्यूटी पर तैनात पीसीआर टीम को एक राहगीर ने इस खौफनाक हादसे की सूचना दी। सूचना मिलते ही ASI राजिंदर सिंह, ASI नरिंदर सिंह, सीनियर सिपाही जसवंत सिंह और महिला सीनियर सिपाही हरपाल कौर एक पल की भी देरी किए बिना तुरंत मौके पर पहुंचे।
उन्होंने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए स्थानीय नौजवान वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों और आसपास मौजूद लोगों की मदद से एक त्वरित बचाव अभियान चलाया। अपनी जान की परवाह न करते हुए, इस टीम ने एक-एक कर सभी 11 लोगों को नहर के तेज बहाव से सुरक्षित बाहर निकाल लिया और उनकी जान बचाई।
पहले भी मिला था सम्मान
इस असाधारण वीरता के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और डीजीपी गौरव यादव ने घटना के तुरंत बाद ही इन पुलिसकर्मियों की सराहना की थी। इसके बाद बठिंडा की एसएसपी अमनीत कौंडल द्वारा इन चारों कर्मचारियों को डीजीपी कमेंडेशन डिस्क और प्रत्येक को 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था। अब खुद मुख्यमंत्री से मिली यह सराहना उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है, जिसने पूरे पुलिस विभाग का मान बढ़ाया है।
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