Uttarakhand: निवेशकों से खुद बात करें अधिकारी, निवेश प्रस्तावों को दें रफ्तार: CM धामी का निर्देश

 देहरादून।

उत्तराखंड में निवेश की गति को और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सचिवालय में उद्योग विभाग की ‘गेमचेंजर’ योजनाओं की समीक्षा करते हुए, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त हुए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निवेशकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने और एक निवेशक-हितैषी माहौल बनाने पर जोर दिया।

निवेशकों की सुविधा के लिए ‘निवेश मित्र’ होंगे तैनात
मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए उच्चाधिकारियों से कहा कि वे राज्य में निवेश करने वाले शीर्ष पचास निवेशकों के साथ व्यक्तिगत रूप से नियमित संपर्क बनाए रखें। उन्होंने निवेशकों की समस्याओं के त्वरित समाधान और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए ‘निवेश मित्रों’ की तैनाती करने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, उद्यम रजिस्ट्रेशन से लेकर जमीन आवंटन तक की पूरी प्रक्रिया की निरंतर निगरानी करने और सिंगल विंडो सिस्टम को और अधिक सरल व प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए।

स्वरोजगार और स्टार्टअप पर विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सीएम स्वरोजगार योजना’ राज्य में काफी कारगर साबित हो रही है और इससे अब तक लगभग 35 हजार लोग लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या में और वृद्धि करने के निर्देश दिए। साथ ही, राज्य में लाई गई सभी नई नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि अधिक से अधिक युवा इन नीतियों का लाभ उठा सकें। उन्होंने एक्सपोर्ट पॉलिसी के तहत राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने और निर्यात से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया। पर्वतीय जिलों के लिए उन्होंने हैंडलूम, होमस्टे और कृषि-आधारित लघु उद्योगों को प्राथमिकता देने तथा स्टार्टअप पॉलिसी को उद्योग विभाग के साथ जोड़कर ‘यूथ इनक्यूबेशन सेंटर’ खोलने के निर्देश दिए।

खुरपिया फार्म में बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर
बैठक के दौरान, उद्योग सचिव विनय शंकर पाण्डेय ने विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत खुरपिया फार्म में 1002 एकड़ क्षेत्रफल में एक विश्वस्तरीय इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है।

  • लागत: 1265 करोड़ रुपये

  • रोजगार: लगभग 22 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना

  • वर्तमान स्थिति: परियोजना के लिए एसपीवी (Special Purpose Vehicle) का गठन हो चुका है और केंद्र सरकार द्वारा 207 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है।

इसके अतिरिक्त, उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हरिद्वार में 280, पंतनगर में 18 और सेलाकुई में 12 यूनिट्स की क्षमता वाली ‘फ्लैटेड फैक्टरी’ का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।

 

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