अमृतसर।
श्री हरिमंदिर साहिब को RDX से उड़ाने की लगातार मिल रही धमकियों के बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मंगलवार को अमृतसर पहुंच रहे हैं। इस हाई-प्रोफाइल दौरे का उद्देश्य न केवल पवित्र स्वर्ण मंदिर में माथा टेकना है, बल्कि राज्य के गृह मंत्री के रूप में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेना और लगातार धमकियों से निपट रहे पुलिस बल का मनोबल बढ़ाना भी है। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए, अमृतसर पुलिस ने सुरक्षा के अभूतपूर्व और चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं।
आठ बार मिली धमकी, पुलिस की पकड़ से दूर मुख्य आरोपी
यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि अब तक आठ से अधिक बार ईमेल के जरिए श्री हरिमंदिर साहिब को बम से उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है। इन धमकियों ने सुरक्षा एजेंसियों और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, पुलिस और साइबर सेल की टीमें लगातार जांच में जुटी हुई हैं, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी उनकी पकड़ से बाहर हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी बेहद शातिर हैं और जांच को भटकाने के लिए लगातार अपना आईपी एड्रेस बदल रहे हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
जांच में क्या आया सामने?
इस मामले में साइबर सेल पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले से शुभम दुबे नामक एक इंजीनियर को हिरासत में लिया था। उससे लगातार पूछताछ की जा रही है और उसका लैपटॉप व मोबाइल भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले रखा है। हालांकि, शुरुआती जांच में पुलिस को उससे कोई ठोस जानकारी या सबूत नहीं मिल सका है, जिससे यह साबित हो कि ईमेल भेजने में उसकी सीधी संलिप्तता है। पुलिस का मानना है कि मुख्य साजिशकर्ता कोई और है, जो पर्दे के पीछे से इस नापाक हरकत को अंजाम दे रहा है।
SGPC ने जताई चिंता
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने भी इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। एसजीपीसी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मनन ने हाल ही में पुष्टि की थी कि उन्हें पिछले लगभग पांच दिनों से लगातार धमकी भरे ईमेल मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें इन ईमेल के पीछे के मकसद की जानकारी नहीं है, लेकिन यह बेहद गंभीर मामला है।” उन्होंने पुलिस द्वारा शुभम दुबे को हिरासत में लिए जाने की जानकारी होने की बात भी कही।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भर के सिखों की आस्था के केंद्र, श्री हरिमंदिर साहिब की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। उम्मीद है कि उनके दौरे से सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होगी और जांच में तेजी लाने के लिए नए निर्देश जारी किए जाएंगे ताकि इस घिनौनी साजिश के पीछे के असली चेहरों को जल्द से जल्द बेनकाब किया जा सके।
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