शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जल्द ही रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू की जाएंगी, ताकि लोगों को राज्य के भीतर ही उच्च गुणवत्ता वाला इलाज मिल सके। इसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ही विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ सर्जनों के लिए भर्ती नियमों का एक प्रस्ताव शीघ्र ही राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। भर्ती किए गए विशेषज्ञ न केवल सर्जरी करेंगे, बल्कि वे राज्य के अन्य डॉक्टरों को भी रोबोटिक सर्जिकल तकनीकों में प्रशिक्षित करेंगे, जिससे भविष्य के लिए कुशल पेशेवरों की एक मजबूत टीम तैयार हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में आधुनिक तकनीकें और चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं।” उन्होंने आगे बताया कि चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर-स्पेशलिटी में दिल्ली के एम्स (AIIMS) के बराबर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और यहां जल्द ही रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू होंगी। इसके अलावा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज, टांडा में भी जल्द ही एक रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), शिमला में भी रोबोटिक सर्जिकल मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में रिक्त पदों को बिना किसी देरी के भरने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय 100 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती करेगा, जबकि चमियाना में जल्द ही 50 अतिरिक्त नर्सों की नियुक्ति की जाएगी। पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीशियनों और अन्य सहायक कर्मियों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने ऑपरेशन थिएटर सहायकों का मासिक मानदेय 17,820 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये और रेडियोग्राफर व एक्स-रे तकनीशियनों का मानदेय 13,100 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया है।
इसके अतिरिक्त, सरकारी क्षेत्र में पैरामेडिकल शिक्षा सीटों की कमी को दूर करने के लिए, सरकार ने 23 वर्षों के बाद प्रमुख पाठ्यक्रमों में प्रवेश क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। आईजीएमसी, शिमला में बी.एससी. मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बी.एससी. रेडियोलॉजी और इमेजिंग, तथा बी.एससी. एनेस्थीसिया और ओटी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है। इसी तरह, टांडा मेडिकल कॉलेज में भी इन पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 18 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है, ताकि स्थानीय युवाओं को राज्य के भीतर ही पेशेवर प्रशिक्षण मिल सके।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।