Uttarakhand: हरेला पर्व पर उत्तराखंड में महाभियान, ‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम पर लगेंगे 5 लाख पौधे

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रकृति, समृद्धि और लोक संस्कृति के प्रतीक, पवित्र ‘हरेला’ पर्व के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस मौके पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ी पहल की घोषणा करते हुए कहा कि हरेला के दिन पूरे प्रदेश में एक वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत एक ही दिन में 5 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे।

सांस्कृतिक विरासत और परंपरा का संदेश

अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने हरेला को केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और अपनी जड़ों से जुड़ने का एक माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व सुख, समृद्धि, सौहार्द का प्रतीक है और यह हमें अपनी गौरवशाली परम्पराओं से जुड़े रहने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, “हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। देवभूमि उत्तराखंड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। हमें अपनी समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित करने और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।”

पर्यावरण संरक्षण का महाअभियान

पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति भी प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ विजन को आगे बढ़ाते हुए, इस वर्ष हरेला पर्व “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ” और “एक पेड़-माँ के नाम” की थीम पर मनाया जाएगा।

इस महाअभियान के तहत पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 5 लाख से अधिक पौधे रोपने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 3 लाख पौधे गढ़वाल मंडल में और 2 लाख पौधे कुमाऊं मंडल में लगाए जाएंगे। यह पौधारोपण अभियान केवल वनों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सार्वजनिक स्थानों, नदियों और गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेजों, विभागीय परिसरों, सिटी पार्कों और आवासीय परिसरों में भी जन सहभागिता से चलाया जाएगा। इस अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ-साथ आम जनता की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह अभियान केवल एक दिन का न होकर पूरे माह विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जारी रहेगा।

जन सहभागिता का आह्वान

मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। हमें अपने जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवन के लिए भी निरंतर प्रयास करने होंगे।” उन्होंने सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी इस पुण्य कार्य में सहयोग की अपील की है।

मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान को गति देने के लिए हरेला पर्व के अवसर पर आरतोला, जागेश्वर में आयोजित होने वाले वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे, जो इस अभियान के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

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