देहरादून। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध और ऐतिहासिक ‘माँ नंदा देवी राजजात यात्रा’ की तैयारियों ने अब गति पकड़ ली है, जो वर्ष 2026 में प्रस्तावित है। शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और अविस्मरणीय बनाने के लिए सभी व्यवस्थाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया कि 2025 के अंत तक सभी जमीनी तैयारियां पूरी हो जानी चाहिए।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए एक व्यापक रोडमैप पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों की समय से मरम्मत सुनिश्चित की जाए और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा रेलिंग की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा के सभी प्रमुख पड़ावों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (First Aid Centers) स्थापित किए जाएं, जहां पर्याप्त दवाइयां और चिकित्साकर्मी उपलब्ध हों। इसके साथ ही, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस और टेलीमेडिसिन सेवाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा गया, ताकि दुर्गम क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह उपलब्ध हो सके।
सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय भागीदारी को बढ़ावा
इस यात्रा के आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ इसके सांस्कृतिक पहलू को भी संरक्षित करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सक्रिय रूप से जोड़ा जाए। उन्होंने पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को प्रोत्साहन देने के भी निर्देश दिए, ताकि यात्रा में देवभूमि की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की जीवंत झलक भी देखने को मिले।
2025 तक पूरा हो जमीनी काम
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 2025 के अंत तक यह कार्ययोजना जमीनी स्तर पर पूरी तरह से क्रियान्वित हो जानी चाहिए, ताकि अंतिम समय में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रह जाए। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वर्ष 2026 की यह दिव्य यात्रा इसमें भाग लेने वाले देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और अविस्मरणीय अनुभव बन सके।
उल्लेखनीय है कि माँ नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड की सबसे लंबी पैदल यात्रा है, जो हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित होती है। यह यात्रा चमोली जिले के नौटी गांव से शुरू होकर होमकुंड तक जाती है, जिसमें श्रद्धालु माँ नंदा की डोली के साथ सैकड़ों किलोमीटर की दुर्गम यात्रा करते हैं। यह न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी एक अनूठा प्रतीक है।