शिमला। हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों पर एक नई और तेजी से फैल रही बीमारी का संकट मंडरा रहा है, जिससे उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। इस गंभीर समस्या को लेकर सेब बागवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहाँ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच और नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
बागवानों ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि इस अज्ञात बीमारी के कारण सेब के पेड़ों के पत्ते पीले होकर समय से पहले ही झड़ रहे हैं, जिसके चलते पैदावार में भारी गिरावट आ रही है। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि इस बीमारी का प्रकोप इतनी तेजी से फैल रहा है कि बागवानों में हड़कंप मचा हुआ है और उन्हें बड़े आर्थिक नुकसान का डर सता रहा है।
मामले की गंभीरता और बागवानों की चिंता का तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मौके पर ही कार्रवाई की। उन्होंने फोन पर डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति से बात की और उन्हें बिना किसी देरी के विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ दलों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस बीमारी की वैज्ञानिक तरीके से गहन जांच की जाए और बागवानों को मौके पर ही इसकी रोकथाम और नियंत्रण के प्रभावी उपायों के बारे में शिक्षित किया जाए।
सुक्खू ने इस बात पर जोर दिया कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है और बागवानों को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचा रही है, इसलिए इस स्थिति से शीघ्रता से निपटना अनिवार्य है। उन्होंने कुलपति को सात दिनों के भीतर राज्य सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा, ताकि निष्कर्षों के आधार पर जल्द से जल्द उचित और प्रभावी उपाय किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों और बागवानों के मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सेब की खेती राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और हजारों परिवार इस क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाते हैं, इसलिए सरकार उनकी हर समस्या के समाधान के लिए उनके साथ खड़ी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान भी उपस्थित थे।
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