रामनगर/देहरादून।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क का दौरा कर जंगल सफारी के माध्यम से वन्यजीवन की अद्भुत और रोमांचकारी दुनिया का अनुभव किया। इस दौरे का उद्देश्य न केवल राज्य में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देना था, बल्कि प्रकृति संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाना था। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत एक बड़े पौधारोपण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
जंगल सफारी से पर्यटन को नई पहचान
अपनी जंगल सफारी के अनुभव को साझा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह अनुभव केवल प्रकृति की सुंदरता को देखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें जैव विविधता और प्रकृति की अनमोल विरासत से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप उत्तराखंड में जंगल सफारी पर्यटन को आज एक नई पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की नीतियों के कारण आज देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। इससे न केवल राज्य की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार और आजीविका के नए द्वार भी खुले हैं। कॉर्बेट जैसे पार्क स्थानीय समुदायों के आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत 1000 से अधिक पौधों का रोपण
अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को गति देते हुए एक सामूहिक पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में वन विभाग, स्थानीय समुदाय के लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने मिलकर 1000 से अधिक पौधों का रोपण किया। इस पहल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “यह महज एक पौधा रोपण नहीं, बल्कि यह मातृत्व और प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और कृतज्ञता का एक भावपूर्ण प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि हर एक पौधा हमारी माँ और धरती माँ, दोनों के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है।
वन विभाग के कार्यों की सराहना
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग की टीम से भी भेंट की और वनों तथा वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए उनके द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि विभाग का समर्पण और प्रतिबद्धता ही राज्य की हरियाली और समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण का आधार है। उन्होंने वनकर्मियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी हर जरूरत को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दौरा पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय विकास के एक एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है।