Punjab: राजनीति के बाद क्रिकेट पर ‘आप’ का नियंत्रण, PCA के सभी प्रमुख पदों पर निर्विरोध निर्वाचन तय

चंडीगढ़। पंजाब की सियासत में अपनी धाक जमाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने अब राज्य के क्रिकेट प्रशासन पर भी अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) के आगामी चुनावों में अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, सभी प्रमुख पदों पर ‘आप’ से जुड़े चेहरों का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय हो गया है, क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार ने इन पदों के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है।

प्रमुख पदों पर ‘आप’ से जुड़े चेहरे

इस नई कार्यकारिणी का नेतृत्व पीसीए के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत सिंह मेहता करेंगे, जो एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुने जाएंगे। उन्हें आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का करीबी माना जाता है और उनके बेटे पद्मजीत सिंह मेहता बठिंडा से ‘आप’ के मेयर हैं।

सबसे अहम बदलाव सचिव पद पर देखने को मिला है, जहां मोहाली से ‘आप’ विधायक कुलवंत सिंह एकमात्र उम्मीदवार हैं। वहीं, पंजाब ‘आप’ के प्रदेश महासचिव दीपक बाली उपाध्यक्ष, सिद्धांत शर्मा संयुक्त सचिव और राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता कोषाध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुने जाएंगे।

निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा 12 को

इन प्रमुख पदों के अलावा, एपेक्स काउंसिल के 11 पदों पर भी केवल उतने ही नामांकन दाखिल हुए जितनी सीटें थीं, जिससे इन सभी का निर्वाचन भी निर्विरोध होगा।

  • जिला क्रिकेट संघों के प्रतिनिधि: अमरिंदर सिंह, रजत भारद्वाज, चंचल कुमार सिंगला, अमित बजाज, बीरदेविंदर सिंह नट्ट, प्रभबीर सिंह बराड़ और गौरवदीप सिंह धालीवाल।

  • लाइफ मेंबर श्रेणी: कमल कुमार अरोड़ा, अमरिंदर वीर सिंह बरसात और साहेबजीत सिंह सेंहबी।

  • क्लब/कॉलेज प्रतिनिधि: विक्रम कुमार।

हालांकि इन सभी का चुना जाना तय है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा 12 जुलाई को मुल्लांपुर स्थित महाराजा यादविंद्रा क्रिकेट स्टेडियम में होने वाली पीसीए की वार्षिक आमसभा (AGM) में की जाएगी। इसी बैठक में सभी नए पदाधिकारियों और एपेक्स काउंसिल के सदस्यों को औपचारिक रूप से मान्यता दी जाएगी।

खेल प्रशासन में ‘आप’ की रणनीतिक चाल

पीसीए चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेताओं की यह व्यापक और सफल भागीदारी महज एक संगठनात्मक चुनाव नहीं है, बल्कि यह पार्टी की खेल नीति में बढ़ती दिलचस्पी और रणनीतिक विस्तार का एक स्पष्ट संकेत है। अब सवाल यह है कि क्या ‘आप’ पंजाब की राजनीति की तरह क्रिकेट प्रशासन में भी अपनी मजबूत पकड़ बना पाएगी?

400 से अधिक सदस्यों वाले पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में यह निर्विरोध गठन ‘आप’ की संगठित रणनीति और मजबूत समर्थन को दर्शाता है, जो आने वाले समय में राज्य के खेल प्रशासन की दिशा और दशा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।

 

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