देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून नागरिक उड्डयन के भविष्य पर एक बड़े राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बनी। यहाँ आयोजित ‘मिनिस्टर कॉन्फ्रेंस ऑन सिविल एविएशन (नॉर्दर्न रीजन)’ कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न राज्यों के अधिकारियों और 117 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कंपनियों तथा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने एक ही मंच पर गहन चिंतन और मंथन किया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राज्यों और निजी क्षेत्र के बीच आपसी सहयोग और समन्वय स्थापित कर नागरिक उड्डयन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाना था।
सम्मेलन के दौरान हुए विचार-विमर्श में हवाई सेवाओं को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिनिधियों ने हाल ही में हुई कुछ हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए हवाई यात्राओं के लिए सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही, विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में नागरिक उड्डयन की अपार संभावनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें हेलीपोर्ट के विस्तार और हेलीकॉप्टरों के बहुआयामी उपयोग पर जोर दिया गया। विमानन कंपनियों ने राज्यों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में उड़ान सेवाओं के विस्तार के लिए एक विशेष नीति बनाएं और सब्सिडी प्रदान करें, ताकि आम लोगों तक हवाई सेवाओं की पहुंच बढ़ाई जा सके।
एक अन्य महत्वपूर्ण सत्र में, हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं के माध्यम से उन दुर्गम और सड़क विहीन क्षेत्रों तक पहुंच बनाने पर गहन चर्चा हुई, जहाँ पारंपरिक परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं हैं। प्रतिनिधियों ने एकमत से स्वीकार किया कि हवाई सेवाएं, विशेषकर हेलीकॉप्टर, आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक जीवनरक्षक की भूमिका निभा रही हैं। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित बचाव और राहत कार्यों से जनहानि को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है। इसी संदर्भ में, राज्यों में स्थायी हेलीपैड्स की संख्या बढ़ाने और हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस (HEMS) को अपनाने की पुरजोर वकालत की गई।
इस चर्चा को एक ठोस उदाहरण से बल मिला जब उत्तराखंड के ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ मॉडल को एक सफल केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत किया गया। हेलीकॉप्टर आधारित इस मेडिकल इमरजेंसी सेवा के माध्यम से दूर-दराज के क्षेत्रों से मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई जा रही है, जिसकी सभी राज्यों ने सराहना की और इसे अपनाने में रुचि दिखाई।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में एयर इंडिया, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI), फिक्की, रिलायंस, इंडोकॉप्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, और मैकेंजी जैसी कई प्रतिष्ठित कंपनियों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कुल मिलाकर, यह सम्मेलन नागरिक उड्डयन क्षेत्र में राज्यों और निजी क्षेत्र के बीच एक नई सहयोगात्मक दिशा तय करने में सफल रहा, जिससे भविष्य में हवाई सेवाओं के सुरक्षित और समावेशी विकास की उम्मीद जगी है।
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