Uttarakhand: CM धामी ने सरकारी कार्यों में भारतीय मानक अनिवार्य करने के दिए निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘विकसित उत्तराखंड’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं और विकास को सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी खरीद प्रक्रियाओं और निर्माण कार्यों में भारतीय मानकों (IS) को अनिवार्य रूप से लागू करने के सख्त निर्देश दिए हैं। यह निर्णय मुख्यमंत्री आवास में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक के दौरान लिया गया।

बीआईएस प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री से भेंट

भारतीय मानक ब्यूरो, देहरादून शाखा के निदेशक एवं प्रमुख सौरभ तिवारी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। इस प्रतिनिधिमंडल में शिक्षा जगत, उद्योग और उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री के साथ राज्य में मानकीकरण से जुड़े विविध पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य के समग्र विकास और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए, जिनमें शामिल हैं:

  • सरकारी खरीद में भारतीय मानक: सभी सरकारी विभागों की खरीद प्रक्रिया में भारतीय मानकों (IS) का पालन अनिवार्य किया जाए, ताकि केवल गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित उत्पादों एवं सेवाओं की ही खरीद हो।

  • अधिकारियों का प्रशिक्षण: मानकीकरण के महत्व, प्रक्रियाओं और लाभों को समझाने के लिए विभागीय अधिकारियों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि वे इन मानकों को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।

  • भवन निर्माण में मानक: भवन निर्माण में राष्ट्रीय भवन संहिता (SP 73:2023) जैसे IS आधारित विनियमों को सख्ती से अपनाया जाए, ताकि निर्माण कार्य सुरक्षित और टिकाऊ हों।

  • प्रबंधन प्रणाली: सरकारी विभागों में बेहतर कार्यप्रणाली और सेवा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए IS 15700 (सेवा गुणवत्ता), ISO 9001 (गुणवत्ता प्रबंधन) और ISO 21001 (शैक्षिक संगठन प्रबंधन) जैसे प्रबंधन प्रणाली मानकों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

‘विकसित उत्तराखंड’ के लिए मानकीकरण आवश्यक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोर देकर कहा, “गुणवत्तापूर्ण सेवाओं एवं विकास के लिए मानकीकरण अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मानकीकरण को प्रदेश में एक मजबूत आधार प्रदान करने के लिए संबंधित विभागों को जल्द ही आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पहल ‘विकसित उत्तराखंड’ की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे न केवल सरकारी कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि आम जनता को भी बेहतर और सुरक्षित उत्पाद एवं सेवाएं मिलेंगी।

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित भारतीय मानक ब्यूरो के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। इस फैसले से उत्तराखंड में सरकारी परियोजनाओं और सेवाओं की गुणवत्ता में एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है, जो राज्य के समग्र विकास को गति प्रदान करेगा।

 

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