देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने कहर बरपाया है, खासकर पर्वतीय जिलों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के बाद हुए भूस्खलन और जगह-जगह मलबा आने से प्रदेश भर में 111 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति चारधाम यात्रा के प्रमुख मार्ग, ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी हुई है, जो पिछले तीन दिनों से लगातार बंद है।
इन सड़कों के बंद होने से न केवल चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों की मुश्किलें भी कई गुना बढ़ गई हैं। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है, जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी बाधा आ रही है।
यमुनोत्री राजमार्ग पर फंसे 850 से अधिक यात्री
यमुनोत्री राजमार्ग पर संकट सबसे गहरा है। बीते शनिवार को सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना के बाद यह मार्ग जगह-जगह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके कारण स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी के बीच 850 से अधिक तीर्थयात्री फंस गए थे।
हालांकि, प्रशासन और पुलिस की टीमों ने मंगलवार को एक पैदल मार्ग खोलने में सफलता हासिल की, जिसके बाद फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालने का अभियान शुरू किया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, शार्दुल गुसाईं ने बताया कि मंगलवार शाम तक लगभग 600 से 700 यात्रियों को सुरक्षित निकालकर वाहनों से बड़कोट भेज दिया गया है। अभी भी करीब 150 से 200 यात्रियों के सुरक्षित स्थानों पर होने की उम्मीद है, जिन्हें जल्द ही निकाल लिया जाएगा।
प्रदेश भर में सड़कों का जाल प्रभावित
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश भर में सड़कों का नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बंद सड़कों का जिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
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पौड़ी गढ़वाल: 25 सड़कें
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चमोली: 21 सड़कें
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टिहरी: 13 ग्रामीण सड़कें
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बागेश्वर: 12 सड़कें
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उत्तरकाशी: 9 ग्रामीण सड़कें
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देहरादून: 1 राज्य मार्ग और 9 ग्रामीण मार्ग
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रुद्रप्रयाग: 8 ग्रामीण सड़कें
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चंपावत: 4 सड़कें
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पिथौरागढ़: 3 सड़कें
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अल्मोड़ा: 1 राज्यमार्ग और 3 ग्रामीण सड़कें
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नैनीताल: 1 सड़क
स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग बंद सड़कों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। जेसीबी और अन्य मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का काम जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से भूस्खलन के कारण इसमें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द मुख्य मार्गों को खोलकर यातायात सुचारू किया जाए और फंसे हुए लोगों को राहत पहुंचाई जाए।
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