Himachal: धर्मशाला में CPA सम्मेलन: CM सुक्खू ने दलबदल पर उठाए सवाल, पहाड़ी राज्यों के लिए मांगी अलग नीति

धर्मशाला। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA), भारत क्षेत्र जोन-2 का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन आज धर्मशाला के तपोवन में भव्य रूप से शुरू हुआ। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। इस कार्यक्रम में जोन-2 के सदस्य राज्यों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतकों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना के विधानसभा अध्यक्ष विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए और इस आयोजन के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मेलन लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने, विधायी प्रक्रियाओं को बढ़ाने और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

दलबदल कानून लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने इस मंच से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार, एक लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया गया। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने कानूनसम्मत रुख अपनाते हुए संबंधित विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए दलबदल विरोधी कानून के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “राज्य विधानसभा ने अयोग्य विधायकों की पेंशन रोकने के लिए एक विधेयक पारित किया है, जो वर्तमान में राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।”

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और पहाड़ी राज्यों की नीति पर चर्चा

श्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश डिजिटल लोकतंत्र के मामले में अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया है, क्योंकि 2014 में ही हिमाचल विधानसभा देश की पहली पूरी तरह से कागज रहित विधानसभा बन गई थी। उन्होंने प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ ढांचे के तहत साल में केवल एक बार उपचुनाव कराने का मुद्दा भी उठाया और लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले को एक उपयुक्त मंच पर उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने पहाड़ी राज्यों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उनके लिए एक अलग नीति की भी वकालत की और कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन से हिमाचल को नुकसान हुआ है, इसलिए पहाड़ी राज्यों के लिए अलग नीति बनाई जानी चाहिए।

सरकार की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने सुशासन सुनिश्चित करने के लिए ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश NAS सर्वेक्षण 2025 में 5वें स्थान पर पहुंच गया है, जो 2021 में 21वें स्थान पर था। उन्होंने राज्य में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत को भी एक ऐतिहासिक कदम बताया। इसके अलावा, नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ ‘जीरो-टॉलरेंस’ नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2025 पारित किया गया है, जिसमें अपराधियों के लिए मृत्युदंड और आजीवन कारावास जैसे कड़े प्रावधान हैं।

उन्होंने कहा कि 1.36 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत लाया गया है और लगभग तीन लाख महिलाओं को ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना’ के तहत 1,500 रुपये मासिक मिल रहे हैं। सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने भारत-चीन सीमा पर स्थित शिपकी-ला दर्रे को पर्यटन गतिविधियों के लिए खोल दिया है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और पहली बार धर्मशाला में CPA जोन-2 सम्मेलन की मेजबानी करने पर गर्व व्यक्त किया। इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति डॉ. हरिवंश नारायण सिंह और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी अपने विचार रखे।

 

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