पुरोला (उत्तरकाशी)। उत्तराखंड में मानसून की मूसलाधार बारिश कहर बनकर टूट रही है, जिससे उत्तरकाशी जिले में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार को यहां एक बेहद नाटकीय घटना में, एक बोलेरो गाड़ी उफनती सुपिन नदी में जा गिरी और चालक घंटों तक उसकी छत पर बैठकर अपनी जान बचाने की जद्दोजहद करता रहा। वहीं, लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बंद हो गए हैं, जिससे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है।
नदी में फंसी जान, रेस्क्यू टीम ने बचाया
यह दिल दहला देने वाली घटना जखोल-फिताड़ी मोटरमार्ग पर हुई, जब फिताड़ी से लौट रहा एक बोलेरो वाहन खेड़ा घाटी के पास अनियंत्रित होकर सुपिन नदी के तेज बहाव में समा गया। गनीमत यह रही कि वाहन में चालक राजेंद्र के अलावा कोई और सवार नहीं था। पानी के तेज बहाव के बीच चालक किसी तरह वाहन से निकलकर उसकी छत पर चढ़ गया। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और एक साहसी अभियान चलाकर चालक को सुरक्षित बचाया। उप जिलाधिकारी मुकेश रमोला ने बताया कि चालक ने कुछ ही देर पहले वाहन में बैठी करीब एक दर्जन सवारियों को उतार दिया था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।

गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे पर संकट
जिले में भूस्खलन का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे नेताला, बिशनपुर और डबराणी समेत कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया था, जिसे करीब नौ घंटे की मशक्कत के बाद यातायात के लिए खोला जा सका। हालांकि, यमुनोत्री हाईवे की स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है। सिलाई बैंड और पालीगाड़ के बीच हाईवे का एक बड़ा हिस्सा नदी के बहाव में बह गया है, जिससे यह मार्ग अभी भी पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है।
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा है। हालांकि, मार्ग जगह-जगह बंद होने के कारण अधिकारियों को भी घटनास्थल तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रशासन का कहना है कि सड़कों को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश इसमें सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
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