शिमला। हिमाचल प्रदेश को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। शिमला में पुलिस विभाग द्वारा ‘नशे को मात देंगे एक साथ’ थीम पर आयोजित 12वीं हाफ मैराथन के अवसर पर उन्होंने पुलिस विभाग में 500 नए पद भरने, नशा तस्करी में लिप्त सरकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने और एक नया विशेष कार्य बल बनाने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने नशे से जुड़ी गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने खुलासा किया कि अब तक 80 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है, जो नशे के कारोबार में किसी न किसी रूप में शामिल थे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ पुलिसकर्मी भी नशा तस्करी में शामिल पाए गए हैं, और इसी के चलते सरकार पुलिस बल में अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मैनुअल में संशोधन पर विचार कर रही है। सरकार जल्द ही एक बड़े पैमाने पर नशा विरोधी अभियान शुरू करेगी, जिसके लिए पंचायत वार्ड स्तर पर मैपिंग की जा रही है ताकि लक्षित हस्तक्षेप किया जा सके।
सख्त कानून और पुनर्वास पर जोर
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार की नशे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति है और वह दो-आयामी रणनीति पर काम कर रही है – एक तरफ सख्त प्रवर्तन और दूसरी तरफ पीड़ितों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम लागू किया है, जिसे पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में लागू नहीं किया गया था। इस अधिनियम के तहत, अब तक 40 निरोध आदेशों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 36 इसी साल जारी हुए।

इसके अलावा, सरकार ने सात बड़े ड्रग पेडलर्स की संपत्तियों को भी ध्वस्त कर दिया है और अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि राज्य ने हिमाचल प्रदेश नशा विरोधी अधिनियम भी पारित किया है, जो अपराधियों और पीड़ितों के बीच अंतर करता है। यह कानून नशा करने वालों के प्रति दंडात्मक कार्रवाई की जगह उनके पुनर्वास पर जोर देता है, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाया जा सके।
समाज की भागीदारी पर बल
मुख्यमंत्री ने युवाओं को देश का भविष्य बताते हुए उन्हें नशे के खतरे से बचाने को एक सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करने और उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस नशा विरोधी अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया। जागरूकता अभियान के तहत मुख्यमंत्री ने ‘हार्मनी ऑफ द पाइंस’ बैंड द्वारा नशे के खिलाफ समर्पित एक विशेष गीत भी जारी किया। इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, मेयर सुरेंद्र चौहान और डीजीपी अशोक तिवारी समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
Pls reaD:Himachal: हिमाचल में बारिश का कहर: पहाड़ी से गिरे पत्थर, नाहन-शिमला नेशनल हाईवे 4 घंटे रहा बंद