शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। पार्टी ने एक बार फिर अनुभवी नेता डॉ. राजीव बिंदल पर भरोसा जताते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है। इसके साथ ही, डॉ. बिंदल हिमाचल भाजपा के इतिहास में तीन बार इस पद पर काबिज होने वाले एकमात्र नेता बन गए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
उनकी नियुक्ति सर्वसम्मति से हुई, जो पार्टी के भीतर उनकी मजबूत पकड़ और वरिष्ठ नेताओं के बीच उनके प्रति गहरे विश्वास को दर्शाता है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर और पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर की ओर से डॉ. बिंदल के नाम के तीन सेट प्रस्तावित किए गए, जिसके बाद उनके नाम पर अंतिम मुहर लग गई। वरिष्ठ नेताओं का एकजुट होकर एक ही नाम प्रस्तावित करना यह भी संकेत देता है कि पार्टी आगामी चुनौतियों का सामना एकजुट होकर करना चाहती है।
तीसरे कार्यकाल के साथ बनाया कीर्तिमान
डॉ. राजीव बिंदल का यह तीसरा कार्यकाल है, जो उन्हें हिमाचल भाजपा के अन्य सभी पूर्व अध्यक्षों से अलग करता है। इससे पहले वह पहली बार जनवरी 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बने थे, हालांकि उनका वह कार्यकाल केवल साढ़े चार महीने का ही रहा था। इसके बाद, पार्टी ने अप्रैल 2023 में एक बार फिर उन पर विश्वास जताया और उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी, जिसे वह अब तक निभा रहे थे। अब तीसरी बार उनकी ताजपोशी ने पार्टी में उनके कद और महत्व को और बढ़ा दिया है।
अनुभव और निरंतरता पर पार्टी का जोर
डॉ. बिंदल की पुनः नियुक्ति को पार्टी में निरंतरता और अनुभव को प्राथमिकता देने के रूप में देखा जा रहा है। उनके सामने अब संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने, आगामी स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करने तथा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने जैसी कई महत्वपूर्ण चुनौतियां होंगी।
वरिष्ठ नेताओं के एकजुट समर्थन के साथ, डॉ. राजीव बिंदल से उम्मीद है कि वह अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और प्रदेश में भाजपा की राजनीतिक जमीन को और मजबूत करेंगे।
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