Uttarakhand: सीएम धामी की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात, उत्तराखंड के विकास के लिए मांगी हजारों करोड़ की मदद

नई दिल्ली/देहरादून।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के समग्र विकास को गति देने और महत्वपूर्ण परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार से बड़ी मदद की मांग की है। नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा व आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से एक महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान, मुख्यमंत्री धामी ने जल-विद्युत परियोजनाओं, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और परिवहन व्यवस्था को लेकर कई अहम अनुरोध किए, जिनका उद्देश्य प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा, शहरी अवसंरचना और आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है।

ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश और सुधार का आग्रह

मुख्यमंत्री धामी ने ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। उन्होंने ऋषिकेश-हरिद्वार जैसे प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों में बिजली की लाइनों को भूमिगत करने और पूरी प्रणाली को स्वचालित बनाने का अनुरोध किया, ताकि निर्बाध और सुरक्षित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

राज्य की विशाल जल-विद्युत क्षमता का उपयोग करने के लिए, उन्होंने कुमाऊं और अपर यमुना क्षेत्र में नई परियोजनाओं के निर्माण हेतु 4000 करोड़ रुपये के वायबिलिटी गैप फंड (VGF) की मांग की। इसके साथ ही, राज्य के दूरदराज और कठिन भू-भाग वाले क्षेत्रों में पंप स्टोरेज परियोजनाओं के विकास के लिए भी 3800 करोड़ रुपये के वायबिलिटी गैप फंड का आग्रह किया। इन परियोजनाओं से न केवल ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर विकास और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड के तहत पिटकुल (PTICUL) की 1007.82 करोड़ रुपये की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को 100 प्रतिशत अनुदान के साथ मंजूरी देने का भी अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना में बदलाव और RRTS के विस्तार की मांग

शहरी विकास के मोर्चे पर, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कमजोर आय वर्ग (EWS) के लिए आवास निर्माण में आ रही व्यवहारिक चुनौतियों की ओर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि निजी भूमि पर पीपीपी मॉडल के तहत परियोजनाएं चलाने में एकमुश्त केंद्रीय अनुदान की व्यवस्था से कैश फ्लो प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि सरकारी भूमि की तरह निजी भूमि आधारित परियोजनाओं में भी चरणबद्ध सहायता प्रणाली (40:40:20) लागू की जाए। साथ ही, उन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने का भी आग्रह किया ताकि EWS श्रेणी के लाभार्थियों को आसानी से ऋण मिल सके।

परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को मोदीपुरम, मेरठ से आगे हरिद्वार तक विस्तारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राज्य में यातायात की समस्या हल होगी, बल्कि यह शहरीकरण और समग्र आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को सभी मांगों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।

 

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