Punjab: पंजाब में राजस्व क्रांति: ‘ईजी जमाबंदी पोर्टल’ लॉन्च, अब WhatsApp पर मिलेगी फर्द, भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

अमृतसर: पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त, सुचारू और पारदर्शी नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को ‘ईजी जमाबंदी पोर्टल’ का शुभारंभ किया। इस पोर्टल का उद्देश्य राजस्व विभाग से जुड़ी प्रमुख सेवाओं को ऑनलाइन कर आम लोगों को पटवारियों और तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने और रिश्वतखोरी से मुक्ति दिलाना है।

इस अवसर पर दोनों नेताओं ने कहा कि यह पहल आम आदमी पार्टी सरकार की पंजाब के लोगों से किए गए भ्रष्टाचार-मुक्त शासन के वादे को पूरा करती है। उन्होंने कुछ दिन पहले मोहाली में शुरू की गई ‘ईजी रजिस्ट्री’ पहल की शानदार सफलता का भी जिक्र किया, जहां पिछले एक महीने में भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने घोषणा की कि ‘ईजी रजिस्ट्री’ को 15 जुलाई तक पूरे पंजाब में लागू कर दिया जाएगा।

‘ईजी जमाबंदी पोर्टल’ के माध्यम से पांच प्रमुख सेवाएं शुरू की गई हैं:

1. WhatsApp ‘ते जमाबंदी (WhatsApp पर फर्द): अब पंजाब के लोगों को जमीन के रिकॉर्ड (जमाबंदी या फर्द) के लिए पटवारी या फर्द केंद्रों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य के 99% गांवों के भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया गया है। लोग अब ‘ईजी जमाबंदी’ वेबसाइट पर जाकर अपना विवरण दर्ज कर सकते हैं और अपनी फर्द की कॉपी मुफ्त में अपने व्हाट्सएप पर प्राप्त कर सकते हैं। यह कॉपी डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होगी और इसमें एक QR कोड होगा, जिससे इसकी प्रामाणिकता को सत्यापित किया जा सकता है।

2. ऑनलाइन इंतकाल (म्यूटेशन) सेवा: जमीन खरीदने या विरासत में संपत्ति मिलने के बाद मालिकाना हक अपडेट कराने की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। अब, रजिस्ट्री होने के 30 दिनों के भीतर इंतकाल अपने आप हो जाएगा। विरासत के मामलों में, ‘ईजी जमाबंदी’ वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और 30 दिनों की सख्त समय-सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी की जाएगी। आवेदक को प्रक्रिया के हर चरण पर व्हाट्सएप अपडेट भी मिलेगा।

3. ऑनलाइन रपट एंट्री: अदालत के आदेशों या ऋण के कारण होने वाली रपट एंट्री अब पूरी तरह से डिजिटल होगी। अदालत के आदेशों के लिए रपट एंट्री एक दिन के भीतर और ऋण के लिए सात दिनों के भीतर की जाएगी, जिससे कागजी कार्रवाई और दफ्तरों के चक्कर खत्म हो जाएंगे।

4. फर्द बदर (रिकॉर्ड में सुधार): भूमि रिकॉर्ड में नाम की वर्तनी जैसी त्रुटियों को ठीक कराने के लिए अब तहसीलदारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। आवश्यक दस्तावेजों के साथ एक साधारण फॉर्म ऑनलाइन जमा किया जा सकता है और आवेदन को 15 दिनों की समय-सीमा के भीतर प्रोसेस किया जाएगा।

5. जमाबंदी के लिए सब्सक्राइब करें (NRI के लिए विशेष): भूमि के मालिकाना हक की सुरक्षा के लिए, विशेष रूप से NRI के लिए, यह अनूठी सुविधा शुरू की गई है। अब भू-मालिक सालाना ₹500 प्रति खेवट का भुगतान करके अपने भूमि रिकॉर्ड को सब्सक्राइब कर सकते हैं। इससे अगर उनके रिकॉर्ड के साथ कोई भी छेड़छाड़ की कोशिश होती है, तो मालिक को व्हाट्सएप या ईमेल पर तुरंत अलर्ट मिलेगा, जिसके बाद वे ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

ये सभी सेवाएं easyjamabandi.punjab.gov.in वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर 1076, या किसी भी सेवा केंद्र के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं। इस पहल से सरकार का लक्ष्य राजस्व विभाग में दशकों से चली आ रही भ्रष्टाचार की जड़ों पर प्रहार करना और नागरिकों को घर बैठे पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना है

 

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