नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी भारत के कई राज्यों में मानसून की भारी बारिश ने बाढ़ का कहर बरपाया है। असम और मणिपुर समेत कई राज्य गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इस आपदा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
बाढ़ से भारी तबाही
मणिपुर में बाढ़ के कारण 10,000 से अधिक घर तबाह हो गए हैं, जिससे 56,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। असम में बाढ़ ने अब तक 11 लोगों की जान ले ली है और 22 जिलों में 5 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं। मिजोरम की राजधानी आइजोल में भी भारी बारिश के कारण सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही हैं।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला से टेलीफोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
असम के मुख्यमंत्री ने साझा की जानकारी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन कर असम में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने चिंता व्यक्त की और राहत कार्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
असम में 22 जिले प्रभावित
असम के 22 जिलों के 1254 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें 5.15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित जिलों में हैलाकांडी, होजाई, लखीमपुर, नागांव, कार्बी आंगलोंग, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, कामरूप, कछार, गोलाघाट, दर्रांग, माजुली, धेमाजी, बिस्वनाथ, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, जोरहाट, तिनसुकिया, सोनितपुर, दिमा-हसाओ और शिवसागर शामिल हैं।
मणिपुर में नदियां उफान पर
मणिपुर में भी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। इंफाल और आसपास के इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है और अब तक 2,913 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है।
मिजोरम में भी भारी नुकसान
मिजोरम में भी बाढ़ और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। बारिश के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मिजोरम में बाढ़ से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें तीन म्यांमार के शरणार्थी शामिल हैं।
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