Uttarakhand: केदारनाथ यात्रा में 9 मई से घोड़ा-खच्चरों का ट्रायल शुरू, पशु प्रबंधन की समीक्षा

सोनप्रयाग: पशुपालन और दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग पहुंचकर पशु प्रबंधन और यात्री व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. उन्होंने इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की रोकथाम और घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की.

9 मई से ट्रायल शुरू:

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि गौरीकुंड में स्वस्थ घोषित किए गए घोड़े-खच्चरों का 9 मई से ट्रायल के तौर पर संचालन शुरू होगा. पहले इनसे राशन सामग्री केदारनाथ पहुंचाई जाएगी. ट्रायल सफल रहा तो सीतापुर, रामपुर और त्रियुगीनारायण से भी खच्चरों को यात्रा में शामिल किया जाएगा. इसके बाद डॉक्टरों की निगरानी में अन्य घोड़े-खच्चरों को अनुमति दी जाएगी.

स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य:

मंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य की सीमाओं से आने वाले किसी भी घोड़ा-खच्चर को बिना स्वास्थ्य परीक्षण के यात्रा में शामिल न किया जाए. सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए.

पशु चिकित्सालय और चिकित्सा दल:

गौरीकुंड से केदारनाथ तक चार पशु चिकित्सालय खोलने और प्रत्येक केंद्र पर 15 सदस्यीय चिकित्सा दल तैनात करने के निर्देश दिए गए. इस दल में डॉक्टर, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी शामिल होंगे जो यात्रा मार्ग पर नियमित जांच करेंगे.

निःशुल्क इलाज और सब्सिडी:

बीमार घोड़े-खच्चरों का क्वारंटाइन सेंटर में पशुपालन विभाग द्वारा निःशुल्क इलाज किया जाएगा. जो पशुपालक अपने जानवरों को घर ले जाना चाहते हैं, उन्हें मुफ्त इलाज और चारे के लिए 50% सब्सिडी दी जाएगी.

पंतनगर विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ की सलाह:

पंतनगर विश्वविद्यालय के वेटरनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जेएल सिंह ने सलाह दी कि घोड़े-खच्चरों को यात्रा पर भेजने से पहले उन्हें पर्याप्त आराम, समय पर दवा, गर्म पानी दिया जाए और चिकित्सक की सलाह के अनुसार 15 दिन का क्वारंटीन अनिवार्य किया जाए.

 

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