मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई कार्यालय में सोमवार तड़के आग लग गई, जिसमें कुछ दस्तावेज और फर्नीचर जल गए। हालांकि, ईडी ने स्पष्ट किया है कि आग लगने से जांच कार्य प्रभावित नहीं होगा क्योंकि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज डिजिटल रूप से संग्रहीत हैं।
ईडी के बयान के अनुसार, आग सोमवार सुबह लगभग 2:25 बजे बल्लार्ड एस्टेट स्थित कैसर-ए-हिंद बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर लगी, जहाँ ईडी का कार्यालय स्थित है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, जबकि वास्तविक नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है।
ईडी ने बताया कि जांच से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य डिजिटल रूप से संग्रहीत किए जाते हैं और आंतरिक केंद्रीकृत रिकॉर्ड संग्रहण प्रणाली में भी रखे जाते हैं। जिन मामलों में अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है, उनके मूल दस्तावेज अदालत के पास सुरक्षित हैं। इसलिए, जांच या मुकदमे की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ईडी ने यह भी बताया कि कैसर-ए-हिंद बिल्डिंग के भूतल और पहली मंजिल पर स्थित कार्यालय सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं। चौथी मंजिल के प्रभावित हिस्से को जन्मभूमी चेम्बर्स स्थित पुराने क्षेत्रीय कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।
आग लगने की सूचना सबसे पहले कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों और सुरक्षा गार्डों ने दी, जिन्होंने तुरंत राज्य पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने रात लगभग 2:30 बजे दमकल विभाग को सूचना दी, जिसके बाद 3:30 बजे आग बुझाने का काम शुरू हुआ। दमकल की कई गाड़ियों और 50 से अधिक कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया।
ईडी ने बताया कि वह मुंबई में अपना एक स्वतंत्र कार्यालय बनाने की प्रक्रिया में है। महाराष्ट्र सरकार ने मार्च में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एजेंसी को जमीन आवंटित की है और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने आग लगने की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि दमकल विभाग को आग बुझाने में इतना समय क्यों लगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र भीड़भाड़ वाला नहीं है, इसलिए आग पर जल्दी काबू पाया जाना चाहिए था।
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