चंडीगढ़: जालंधर में ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में कार्रवाई करने में लापरवाही बरतने के आरोप में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख एसपीएस परमार को निलंबित कर दिया है। परमार के साथ ही एआईजी फ्लाइंग स्क्वायड स्वर्णदीप सिंह और एसएसपी विजिलेंस जालंधर हरप्रीत सिंह मंडेर को भी निलंबित किया गया है। एडीजीपी इंटेलिजेंस प्रवीण कुमार सिन्हा को विजिलेंस का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में दो विजिलेंस प्रमुखों को हटाया जा चुका है।
जालंधर में ट्रांसपोर्ट विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद 7 अप्रैल को विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख परमार, एआईजी स्वर्णदीप सिंह और एसएसपी मंडेर ने जालंधर के आरटीओ कार्यालय, ऑटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर पर छापेमारी की थी। जांच में पता चला कि लोगों ने बिना उचित टेस्ट दिए ही ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर लिए थे। बिना टेस्ट या किसी और को टेस्ट देने के लिए भेजने के कई मामले सामने आए। हालांकि, इस मामले में केवल एक आरोपी विजय को गिरफ्तार किया गया था। विजिलेंस की कार्रवाई निजी कर्मचारियों तक ही सीमित रही, जबकि इस अवैध गतिविधि में आरटीओ अधिकारी, बिचौलिए और आवेदक शामिल थे।
विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि उन्होंने घोटाले का पता चलने के बाद उचित कार्रवाई नहीं की। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री मान ने भ्रष्टाचारियों को बचाने में सहयोगी मानते हुए विजिलेंस प्रमुख समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इससे उन अधिकारियों को कड़ा संदेश गया है जो भ्रष्टाचार की अनदेखी करते हैं।
Pls read:Punjab: पंजाब में नशा मुक्त गांवों को एक लाख रुपये देगी आप सरकार: सोंद