देहरादून: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक दिन। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत बन रही देश की सबसे लंबी रेल सुरंग, जानसू सुरंग का बुधवार को ब्रेकथ्रू हो गया। 14.57 किलोमीटर लंबी यह सुरंग देवप्रयाग और जानसू के बीच स्थित है। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने केंद्रीय रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आधुनिक तकनीक से हुआ निर्माण
जानसू सुरंग का निर्माण अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन (TBM) से किया गया है। क्षेत्र की कठिन भूगर्भीय परिस्थितियों के कारण TBM मशीनें जर्मनी से मंगवाई गई थीं। शेष सुरंगों का निर्माण पारंपरिक ड्रिल और ब्लास्ट तकनीक से किया जा रहा है। जानसू से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर एक वर्टिकल शाफ्ट भी बनाया गया है जो निर्माण कार्य में मदद करता है।
ऐतिहासिक संयोग

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली रेल बोरीबंदर से ठाणे के बीच चली थी और इसी दिन जानसू सुरंग का ब्रेकथ्रू हुआ है, जो इसे और भी ऐतिहासिक बनाता है।
विकास और कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहाड़ों तक रेल पहुंचाने का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने सुरंग निर्माण में शामिल सभी लोगों को बधाई दी और इसे तकनीकी प्रगति, परिश्रम और सामूहिक प्रयासों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास और कनेक्टिविटी के नए रास्ते खोलेगी।
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का निरीक्षण
अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री ने ऋषिकेश योग नगरी रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।