नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। पहली सुनवाई में ही गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने के प्रावधान पर सवाल उठाए गए।
केंद्र के तर्क पर न्यायालय की कड़ी टिप्पणी
केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के समर्थन में तर्क दिया। इस पर न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की। केंद्र के तर्क के अनुसार, हिंदू न्यायाधीशों की पीठ को वक्फ संबंधित मामलों की सुनवाई नहीं करनी चाहिए।

“हम यहां अपना धर्म भूल जाते हैं”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर वैधानिक बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की उपस्थिति पर आपत्ति है, तो वर्तमान पीठ भी मामले की सुनवाई नहीं कर सकती। इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा, “माफ़ कीजिए मेहता, हम सिर्फ न्यायिक फैसले की बात नहीं कर रहे। जब हम यहां बैठते हैं, तो अपना धर्म भूल जाते हैं। हम पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष हैं। हमारे लिए सभी पक्ष समान हैं।”