चंडीगढ़, 16 अप्रैल 2025: पंजाब सरकार ने कॉलोनियों और औद्योगिक पार्क परियोजनाओं के लाइसेंसी और प्रमोटरों को बड़ी राहत देते हुए लाइसेंस सरेंडर करने की नीति को आसान बना दिया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद नई नीति अधिसूचित कर दी गई है। अब प्रमोटर 10 शर्तों को पूरा करके अपना लाइसेंस सरेंडर कर सकेंगे, भले ही प्रोजेक्ट पूरा न हुआ हो। यह नीति औद्योगिक एस्टेट, फोकल पॉइंट, टेक्सटाइल पार्क, फूड पार्क, आईटी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक पार्क और एग्रो पार्क जैसे सभी औद्योगिक पार्क परियोजनाओं पर लागू होगी।
CLU और EDC शुल्क वापस नहीं होगा
नई नीति के तहत, लाइसेंस सरेंडर करने पर चेंज ऑफ लैंड यूज (CLU) और एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्जेज (EDC) का पैसा वापस नहीं मिलेगा। सरकार जमा EDC का 25 प्रतिशत हिस्सा जब्त कर लेगी। अगर जमा EDC 25 प्रतिशत से कम है, तो पूरी राशि जब्त कर ली जाएगी। हालांकि, अगर प्रमोटर का किसी अन्य प्रोजेक्ट का EDC बकाया है, तो सरेंडर किए गए प्रोजेक्ट का EDC उसमें ट्रांसफर किया जा सकता है।
नई नीति की मुख्य शर्तें:
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प्रमोटर ने प्रोजेक्ट में कोई प्लॉट, अपार्टमेंट या निर्मित जगह नहीं बेची हो और न ही कोई विकास कार्य किया हो। इसके लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट से सत्यापित हलफनामा देना होगा।
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अगर प्रमोटर ने प्लॉट या अपार्टमेंट बेचे हैं, तो उसे पहले अलॉटमेंट रद्द करवाकर कार्यकारी मजिस्ट्रेट से अलॉटी का हलफनामा लेना होगा कि वे भविष्य में कोई दावा नहीं करेंगे।
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लाइसेंस सरेंडर करने से पहले 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस देना होगा, ताकि कोई आपत्ति दर्ज करा सके।
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प्रोजेक्ट के लिए लिए गए बैंक ऋण और रेरा के तहत देनदारियों की जिम्मेदारी प्रमोटर की होगी।
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प्रमोटर को मूल लाइसेंस, लेआउट प्लान, बिल्डिंग प्लान, सर्विस प्लान और अन्य मंजूरी दस्तावेज सरेंडर करने होंगे।
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संबंधित प्राधिकरण को सरेंडर किए गए लाइसेंस की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
 
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