नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डाइवर्सिटी प्रोग्राम बंद करने के आदेश के बाद नासा ने भारतीय मूल की एक वरिष्ठ अधिकारी नीला राजेंद्र को बर्खास्त कर दिया है। नीला नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) में डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन (DEI) प्रमुख के पद पर कार्यरत थीं।
नीला की बर्खास्तगी का कारण
ट्रंप प्रशासन ने सत्ता में आने के बाद सभी सरकारी एजेंसियों में डाइवर्सिटी प्रोग्राम बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत, डाइवर्सिटी प्रोग्राम के अंतर्गत हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। नासा ने शुरुआत में नीला की नौकरी बचाने की कोशिश की और उनका पद बदलकर “हेड ऑफ ऑफिस ऑफ टीम एक्सीलेंस एंड इंप्लॉई सक्सेस” कर दिया था। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के दबाव के चलते नासा को अंततः नीला को बर्खास्त करना पड़ा।
कौन हैं नीला राजेंद्र?

नीला राजेंद्र नासा में एक वरिष्ठ अधिकारी थीं और DEI प्रमुख के रूप में कार्यरत थीं। ट्रंप के आदेश के बाद उनका पद बदल दिया गया था, लेकिन वे वास्तव में DEI के कार्यों का ही निर्वहन कर रही थीं।
नासा का बयान
JPL की निदेशक लॉरी लेशिन ने एक ईमेल के माध्यम से सभी कर्मचारियों को नीला की बर्खास्तगी की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “नीला अब JPL का हिस्सा नहीं हैं। नासा में उनके योगदान के लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”
डाइवर्सिटी प्रोग्राम पर ट्रंप का रुख
डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि डाइवर्सिटी प्रोग्राम नस्ल, रंग और लिंग के आधार पर अमेरिका को विभाजित करते हैं और पैसों की बर्बादी हैं। उनका मानना है कि इससे भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। इसीलिए उन्होंने इन प्रोग्राम्स को बंद करने का आदेश दिया था.
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