शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि राज्य सरकार 40 साल की अवधि पूरी कर चुके पावर प्रोजेक्ट्स का अधिग्रहण करेगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेजा जा चुका है और राज्य अपने हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि NHPC और SJVN से राज्य के सभी अधिकार वापस लिए जाएंगे.
विधानसभा में कांग्रेस विधायक नीरज नैय्यर और भाजपा विधायक हंसराज ने चंबा जिले में NHPC की बिजली परियोजनाओं द्वारा स्थानीय हितों की अनदेखी का मुद्दा उठाया. नैय्यर ने कहा कि NHPC के प्रोजेक्ट्स के कारण कई परिवार विस्थापित हुए हैं, लेकिन उन्हें नौकरियों में वादे के अनुसार प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. उन्होंने NHPC द्वारा ठेकेदारों को काम सौंपने, सरप्लस भूमि के उपयोग, और CSR फंड के तहत चंबा जिले को पर्याप्त धनराशि न मिलने पर भी सवाल उठाए.
भाजपा विधायक हंसराज ने भी NHPC पर CSR और लाडा के तहत धनराशि न देने और लोगों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि NHPC के साथ हुए समझौतों की समीक्षा की जाएगी और परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की नीति पर ज़ोर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बैरा सिऊल प्रोजेक्ट, जिसकी 40 साल की अवधि पूरी हो चुकी है, को वापस लेने के लिए NHPC को पत्र लिखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अब केवल 12% रॉयल्टी ही नहीं, बल्कि पूरे प्रोजेक्ट का अधिग्रहण करेगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि NHPC और BBMB ने सस्ते दामों पर हजारों एकड़ ज़मीन हासिल की थी, और सरकार डुग्गर प्रोजेक्ट को भी वापस लेगी.
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