काकीनाडा (आंध्र प्रदेश): जनसेना पार्टी के 12वें स्थापना दिवस समारोह में पार्टी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं पर हिंदी विरोध को लेकर तीखे सवाल उठाए।
भाषाई विविधता पर जोर:
कल्याण ने कहा कि भारत को सिर्फ दो नहीं, बल्कि तमिल समेत अनेक भाषाओं की जरूरत है। उन्होंने भाषाई विविधता को अपनाने और देश की अखंडता तथा लोगों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
तमिल नेताओं पर पाखंड का आरोप:
कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि वे हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन वित्तीय लाभ के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं। उन्होंने सवाल किया, “वे बॉलीवुड से पैसा चाहते हैं, लेकिन हिंदी को स्वीकार करने से इनकार करते हैं – यह किस तरह का तर्क है?”
संस्कृत की आलोचना पर भी सवाल:
कल्याण ने संस्कृत की आलोचना करने वालों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “मुझे समझ में नहीं आता कि कुछ लोग संस्कृत की आलोचना क्यों करते हैं?”
केंद्र और तमिलनाडु के बीच भाषा विवाद:
कल्याण की यह टिप्पणी केंद्र सरकार और तमिलनाडु के बीच चल रहे भाषा विवाद के बीच आई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रि-भाषा फॉर्मूले को लागू करने से इनकार कर दिया है।
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