
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) निधि के कथित दुरुपयोग पर नाराज़गी जताई है। आईफोन, लैपटॉप जैसी वस्तुओं की खरीद में कैम्पा निधि के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।
कैग रिपोर्ट में उजागर हुईं अनियमितताएं:
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, कैम्पा निधि का इस्तेमाल आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, कूलर, भवनों के नवीनीकरण और यहां तक कि अदालती मामलों और व्यक्तिगत खर्चों के लिए भी किया गया। कैग ने 2019 से 2022 तक कैम्पा निधि के इस्तेमाल की जांच की थी, जिसमें कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी:
जस्टिस डी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि कैम्पा निधि का इस्तेमाल हरित आवरण बढ़ाने के लिए होना चाहिए, न कि गैर-स्वीकृत गतिविधियों के लिए। पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इन मुद्दों पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि अगर 19 मार्च तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना होगा। यह मामला 1995 की एक जनहित याचिका, टी.एन. गोदावर्मन थिरुमुलपाद बनाम भारत संघ, से जुड़ा है जो पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण से संबंधित है।
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