US: माइक्रोसॉफ्ट ने लॉन्च की दुनिया की पहली टोपोलॉजिकल क्वांटम चिप ‘मैजोराना’

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नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट ने दुनिया की पहली टोपोलॉजिकल क्वांटम चिप ‘मैजोराना’ लॉन्च कर दी है। यह पारंपरिक क्वांटम चिप्स से अलग है और टेक जगत में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि यह चिप लाखों क्यूबिट्स तक स्केलेबल है, जिससे इसकी क्षमता अभूतपूर्व रूप से बढ़ जाती है।

मैजोराना पार्टिकल: एक नया दृष्टिकोण

यह चिप मैजोराना पार्टिकल पर आधारित है, जो एक खास तरह का कण है। इस तकनीक से क्वांटम कंप्यूटर के लिए अधिक विश्वसनीय और स्केलेबल ‘क्यूबिट्स’ तैयार हो सकते हैं। क्यूबिट्स क्वांटम कंप्यूटर की मूल इकाई होते हैं, जैसे कि पारंपरिक कंप्यूटर में बिट्स होते हैं।

मैजोराना-1 की खासियत

  • टोपोलॉजिकल क्वांटम कंप्यूटिंग: मैजोराना-1 माइक्रोसॉफ्ट का पहला क्वांटम प्रोसेसर है जो टोपोलॉजिकल क्वांटम कंप्यूटिंग पर आधारित है। यह एक नया दृष्टिकोण है जो पारंपरिक क्वांटम कंप्यूटर की तुलना में अधिक स्थिर और कम त्रुटि-प्रवण क्यूबिट्स का निर्माण करता है।

  • नई सामग्री और कण: पारंपरिक क्वांटम चिप्स इलेक्ट्रॉन्स पर निर्भर करती हैं, जबकि मैजोराना-1 नए प्रकार की सामग्री और मैजोराना कणों का उपयोग करता है। इससे क्वांटम गणनाओं में गलतियों की संभावना कम हो जाती है।

  • स्केलेबिलिटी: मैजोराना-1 की स्केलेबिलिटी पारंपरिक क्वांटम चिप्स की तुलना में काफी अधिक है। इसका मतलब है कि इसे बड़े और अधिक शक्तिशाली क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

पारंपरिक क्वांटम चिप्स की सीमाएँ

आईबीएम, गूगल और इंटेल जैसी कंपनियों द्वारा विकसित क्वांटम चिप्स इलेक्ट्रॉन्स पर आधारित हैं। इन्हें तेज और सही तरीके से काम करने के लिए जटिल त्रुटि सुधार प्रणालियों की आवश्यकता होती है। इनकी स्केलेबिलिटी मैजोराना-1 की तुलना में कम है, जिससे इनकी क्षमता सीमित हो जाती है।

कब तक आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी यह तकनीक?

यह तकनीक अभी भी अनुसंधान और विकास के चरण में है। माइक्रोसॉफ्ट को इसे बनाने में 17 साल लगे हैं। कंपनी का कहना है कि मैजोराना-1 कुछ सालों में उपयोगी क्वांटम कंप्यूटर बनाने में मदद कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसे आम लोगों तक पहुँचने में अभी दशकों लग सकते हैं।

मैजोराना-1 के संभावित लाभ

यह चिप कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है:

  • दवा: नई दवाओं और उपचारों की खोज में तेजी लाना।

  • ऊर्जा: बैटरियों, सोलर पैनलों और कार्बन कैप्चर तकनीक को अधिक कुशल बनाना।

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): AI को और अधिक शक्तिशाली बनाना।

  • सुरक्षा: साइबर सुरक्षा को मजबूत करना।

  • विज्ञान और गणित: परमाणु अनुसंधान और जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने में मदद करना।

माइक्रोसॉफ्ट की मैजोराना-1 चिप क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग है। हालांकि यह तकनीक अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन इसके भविष्य में कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व बदलाव लाने की क्षमता है।

 

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