
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 4,474 सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाए हैं। इनसे सालाना 4.9 करोड़ यूनिट ग्रीन ऊर्जा पैदा हो रही है।
20 मेगावाट क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य:
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि 2025-26 तक सरकारी इमारतों पर 20 मेगावाट क्षमता के और सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है। दिसंबर 2024 तक 34 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं।
सोलर पैनल के लाभ:
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उपभोक्ता स्तर पर बिजली उत्पादन: इससे वितरण के दौरान होने वाला नुकसान कम होता है।
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मांग और आपूर्ति में संतुलन: सोलर ऊर्जा से बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम करने में मदद मिलती है।
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नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की पूर्ति: PSPCL को नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नवीकरणीय ऊर्जा खरीद के लक्ष्य पूरे करने में मदद मिलती है।
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अतिरिक्त बिजली ग्रिड को वापस: दिन में पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली ग्रिड को वापस भेज दी जाती है।
पर्यावरण संरक्षण:
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार हरित ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। सोलर ऊर्जा से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलती है।
स्थायी ऊर्जा:
सोलर ऊर्जा से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी, जिससे बिजली की लागत में बचत होगी। इससे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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