
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को साप्ताहिक आयरन-फ़ॉलिक एसिड की गोलियां देगी। इसके लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंज़ूरी मिल गई है।
राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहले से ही आयरन की गोलियां दी जा रही हैं। राज्य के लगभग 50 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, जो अब तक इस कार्यक्रम में शामिल नहीं थे। पिछले साल हरिद्वार और उधमसिंह नगर ज़िलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था, जिसकी सफलता के बाद अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। इस पहल से 17 लाख से ज़्यादा बच्चों को फ़ायदा होगा और एनीमिया के मामलों में कमी आएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने बताया कि कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। सभी ज़िलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य शिक्षा अधिकारियों को गोलियों के वितरण, प्रशिक्षण और निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।
निजी स्कूलों में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए ज़िलाधिकारियों की अध्यक्षता में बैठकें की जाएंगी, जिसमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और निजी स्कूल संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। स्कूल स्तर पर भी नोडल शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। सभी एमओआईसी को निर्देश दिए गए हैं कि वे खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में समय पर गोलियां उपलब्ध कराएँ। कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को गुलाबी और कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों को नीली गोलियां दी जाएंगी। सभी निजी स्कूलों में हर सोमवार को छात्रों को गोलियां दी जाएंगी।
Pls read:Uttarakhand: 38वें राष्ट्रीय खेल: हॉकी में कर्नाटक (पुरुष) और हरियाणा (महिला) ने जीता स्वर्ण