
शिमला: हिमाचल प्रदेश में 100 से कम छात्रों वाले कॉलेज बंद किए जाएंगे। इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को नज़दीकी कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाएगा या वे अपनी पसंद के किसी अन्य कॉलेज में दाख़िला ले सकेंगे। कॉलेजों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को भी दूसरे कॉलेजों में शिफ़्ट किया जाएगा। कॉलेज की इमारतों को शिक्षा विभाग के अधीन कर लिया जाएगा और फ़र्नीचर व अन्य सामान नज़दीकी कॉलेजों में भेजा जाएगा।
यह फ़ैसला शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। बैठक में अधिकारियों ने तर्क दिया कि कॉलेजों में कम से कम 500 छात्र होने चाहिए ताकि वहां बीए, बीएससी, बीकॉम, बीवाक जैसे पारंपरिक कोर्स के अलावा व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी चलाए जा सकें। हालांकि, 500 छात्रों की संख्या तय करने से कई कॉलेज बंद हो जाते, इसलिए पहले चरण में 100 छात्रों की संख्या निर्धारित की गई है।

शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस बारे में एक कैबिनेट नोट तैयार करें, जिसमें कॉलेज खुलने के समय छात्रों की संख्या, पिछले पांच सालों में छात्रों की संख्या में वृद्धि, और कॉलेज का वार्षिक खर्च जैसी जानकारी शामिल हो। अधिकारियों को उन कॉलेजों की सूची अलग से बनाने को कहा गया है जहां छात्रों की संख्या 100 से कम है। साथ ही, 500 से कम छात्रों वाले कॉलेजों की जानकारी भी मांगी गई है। विभाग के अनुसार, कई कॉलेजों में छात्रों की संख्या 50 से भी कम है, और कुछ में तो सिर्फ़ 15 से 18 छात्र ही हैं।
एचपीयू कर्मचारियों ने 250 करोड़ के बजट की मांग की
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाक़ात कर विश्वविद्यालय के लिए 250 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट की मांग की। उन्होंने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त अनुदान राशि जारी करने का भी आग्रह किया। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री के साथ इस मामले पर चर्चा की जाएगी और वित्त विभाग को निर्देश दिए जाएंगे।
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