
नई दिल्ली: सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने वाले दो विमानों के परीक्षण के साथ, सुपरसोनिक उड़ानें जल्द ही हकीकत बन सकती हैं। बूम सुपरसोनिक अपने XB-1 विमान का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है, जबकि नासा भी अपने X-59 विमान का परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। यदि ये प्रयोग सफल होते हैं, तो भविष्य में सुपरसोनिक विमानों का इस्तेमाल हवाई यातायात के लिए किया जा सकता है।
XB-1 ने तोड़ी ध्वनि की दीवार
XB-1 ने 28 जनवरी को मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से अपनी सुपरसोनिक परीक्षण उड़ान भरी। इस विमान ने ध्वनि की गति (मैक 1.1) को तोड़ते हुए मैक 1.122 की रफ्तार हासिल की। यह किसी स्वतंत्र रूप से विकसित जेट द्वारा ध्वनि अवरोध को तोड़ने का पहला मौका है। XB-1 ने मार्च 2024 से अब तक 12 सफल परीक्षण उड़ानें पूरी कर ली हैं।

इस ऐतिहासिक क्षण को एक लाइवस्ट्रीम के माध्यम से प्रसारित किया गया। नियंत्रण कक्ष में 25 इंजीनियर मिशन के दौरान लाइव डेटा की समीक्षा कर रहे थे। इस विमान को अमेरिकन एयरलाइंस, यूनाइटेड एयरलाइंस और जापान एयरलाइंस से 130 ऑर्डर और प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं।
दशकों का इंतज़ार
कॉनकॉर्ड के बाद वाणिज्यिक सुपरसोनिक यात्रा बंद हो गई थी। बूम सुपरसोनिक को उम्मीद है कि भविष्य में सुपरसोनिक विमान पारंपरिक एयरलाइनरों की जगह ले लेंगे।
100 डॉलर में दुनिया की सैर
बूम का मानना है कि ओवरचर नामक सुपरसोनिक विमान 2030 से पहले मैक 1.7 की गति से 64 से 80 यात्रियों को लेकर उड़ान भर सकेगा। कंपनी का लक्ष्य 100 डॉलर में चार घंटे में दुनिया में कहीं भी उड़ान भरना है। कंपनी के अनुसार, तेज विमान दक्षता बढ़ाते हैं और लागत व पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हैं.
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