
वाशिंगटन: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की दोषसिद्धि के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका खारिज कर दी है, जिससे भारत की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है।
आखिरी कानूनी लड़ाई भी हारा:
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के पास भारत प्रत्यर्पण से बचने का यह आखिरी कानूनी मौका था। इससे पहले वह सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई अदालतों में कानूनी लड़ाई हार चुका था। 13 नवंबर को दायर उसकी “प्रमाणपत्र के लिए याचिका” को भी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को खारिज कर दिया।
लॉस एंजिल्स की जेल में बंद:
राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है। 2009 में एफबीआई ने उसे शिकागो से गिरफ्तार किया था।

लश्कर का सक्रिय सदस्य:
63 वर्षीय राणा लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य था और उसने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमन हेडली की मदद की थी। भारत हेडली के प्रत्यर्पण की भी मांग करता रहा है।
पाकिस्तान में हुआ जन्म, कनाडा की नागरिकता:
राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन बाद में वह कनाडा का नागरिक बन गया। कनाडा जाने से पहले उसने 10 साल तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम किया। बाद में वह भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया।
मुंबई हमले की साजिश:
राणा ने जर्मनी, इंग्लैंड, कनाडा समेत कई देशों की यात्रा की और डेविड हेडली व लश्कर के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची। 26 नवंबर 2008 को हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।
Pls read:US: विवादों के बीच पीट हेगसेथ बने अमेरिका के नए रक्षा मंत्री