Uttarpradesh: महाकुंभ को ‘अंधविश्वास’ बताने पर नागा साधु भड़के, युवकों को दौड़ाया – The Hill News

Uttarpradesh: महाकुंभ को ‘अंधविश्वास’ बताने पर नागा साधु भड़के, युवकों को दौड़ाया

प्रयागराज (महाकुंभ नगर): महाकुंभ मेला क्षेत्र में हैंडलाउडर के ज़रिए महाकुंभ को अंधविश्वास बताने पर कुछ नागा साधुओं ने युवकों को दौड़ा लिया. यह घटना ओल्ड जीटी पांटून पुल के पास हुई. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालाँकि दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता है.

बताया जा रहा है कि गुरुवार को कुछ युवक मेला क्षेत्र में पुस्तकें बाँट रहे थे और हैंडलाउडर से एक संस्था का प्रचार कर रहे थे. उनके द्वारा लगाए गए एक पोस्टर पर लिखा था, “अंधविश्वास का मेला है, कुंभ एक बहाना, मुक्ति चाहिए तो समझ जगाना है.”

महाकुंभ को बताया अंधविश्वास:

आरोप है कि युवकों ने महाकुंभ को अंधविश्वास बताया, जिस पर कुछ नागा साधुओं ने आपत्ति जताई. बात बढ़ने पर साधु भड़क गए और युवकों के स्टॉल को गिराकर सामान फेंक दिया. इस घटना के बाद वहाँ लोगों की भीड़ जमा हो गई.

किसी व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो अब वायरल हो रहा है. एक मिनट के इस वीडियो में नागा साधुओं का गुस्सा साफ़ दिखाई दे रहा है. हालाँकि, पुलिस ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार किया है.

क्या है महाकुंभ मेला?

कुंभ मेला सदियों से चली आ रही एक सांस्कृतिक यात्रा का पड़ाव है. यह नदियों, कथाओं, मिथकों, अनुष्ठानों, संस्कारों और हमारी आध्यात्मिक व सामाजिक चेतना का संगम है. इस यात्रा में नदियों की आवाज़ें भी शामिल होती हैं, जिन्हें सुनने स्वयं कुंभ आता है और कुंभ में शामिल होने लाखों-करोड़ों लोग आते हैं.

12 साल के अंतराल पर आने वाला यह मेला, पवित्र नदियों के तट पर, नक्षत्रों की विशेष स्थिति में, विशेष स्नान पर्वों के साथ, साधु-संतों की उपस्थिति में, और कल्पवासियों की आकांक्षाओं के साथ दुनिया के सबसे बड़े अस्थायी शहर के रूप में बस जाता है.

यह लोकोत्सव भारतीय संस्कृति का एक ऐसा रूप है जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को चरितार्थ करता है.

 

Pls read:Uttarpradesh: कानपुर में बनेगा क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण ‘क्रीडा’, 10 जिलों का होगा एकीकृत विकास

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *