नई दिल्ली: नया साल दस्तक देने को है, लेकिन 2025 रोज़गार के मोर्चे पर चिंता बढ़ा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव के चलते दुनिया भर में लाखों नौकरियां खतरे में हैं। अमेरिका से लेकर भारत तक, इसका असर दिखने लगा है। अमेज़न, बोइंग जैसी दिग्गज कंपनियां पहले ही छंटनी का ऐलान कर चुकी हैं, और यह सिलसिला 2025 में भी जारी रहने की आशंका है।
अमेरिका में नौकरी बाजार पर मंडरा रहा संकट:
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 की शुरुआत से ही अमेरिका में नौकरियों पर संकट गहराने वाला है। चैलेंजर, ग्रे एंड क्रिसमस इंक की रिपोर्ट बताती है कि नवंबर 2024 में 57,727 नौकरियां गईं। ट्रू अप के अनुसार, 2024 में सिर्फ़ तकनीकी क्षेत्र में ही 429,608 लोगों की नौकरी छिन गई।
एआई बना नौकरी छीनने का सबसे बड़ा कारण:
विशेषज्ञों का मानना है कि नौकरियों के जाने का सबसे बड़ा कारण एआई है। पिछले साल, दस में से तीन कंपनियों ने एआई से कर्मचारियों की जगह ले ली। ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के वरिष्ठ विश्लेषक टोमाज नोएट्जेल के अनुसार, बैंकिंग, होटल जैसी सेवाओं में नौकरियों पर सबसे ज़्यादा खतरा है। हालांकि, उनका मानना है कि एआई इन नौकरियों को पूरी तरह खत्म करने के बजाय, उन्हें बदल देगा। यानी, इन क्षेत्रों में एआई विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी।
भारत में पांच लाख लोगों को मिलेगा एआई प्रशिक्षण:
एआई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार भी सक्रिय हो गई है। अगले दो सालों में पांच लाख लोगों को एआई का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, 1000 एआई स्टार्टअप्स को इंडियाएआई मिशन के तहत मदद दी जाएगी। माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर एआई से जुड़े मानकों को तय करने के लिए ‘एआई सेफ्टी इंस्टीट्यूट’ की स्थापना भी की जाएगी।
भविष्य की तैयारी ज़रूरी:
एआई का बढ़ता दबदबा रोज़गार बाज़ार की तस्वीर बदल रहा है। ऐसे में, भविष्य के लिए तैयार रहना ज़रूरी है। नए कौशल सीखना और खुद को अपडेट रखना ही इस चुनौती से निपटने का सबसे कारगर तरीका है।
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