नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पनामा नहर पर नियंत्रण की बात कहने के बाद पनामा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पनामा के विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज-आचा ने स्पष्ट किया है कि उनकी अंतरमहासागरीय नहर की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
मार्टिनेज-आचा ने कहा, “हमारी नहर की संप्रभुता पर समझौता नहीं किया जा सकता और यह हमारे संघर्ष के इतिहास का हिस्सा है.” उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति राउल मुलिनो ने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
ट्रंप ने अपनी पहली बड़ी रैली में पनामा नहर पर नियंत्रण वापस लेने की बात कही थी. उन्होंने पनामा नहर को “मूर्खतापूर्ण” तरीके से सौंपे जाने की बात कहकर विवाद खड़ा कर दिया था. इसके बाद पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अपने देश की संप्रभुता का अपमान बताया था.
पनामा और पनामा नहर:
पनामा मध्य अमेरिका में स्थित एक देश है जो उत्तर और दक्षिण अमेरिका को जोड़ने वाले एक संकरे भूभाग पर स्थित है. पनामा अपनी गगनचुंबी इमारतों के लिए प्रसिद्ध है और इसे “लैटिन अमेरिका का दुबई” भी कहा जाता है.
पनामा नहर एक मानव निर्मित जलमार्ग है जो अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से जोड़ती है. लगभग 82 किलोमीटर लंबी, 90 मीटर चौड़ी और 12 मीटर गहरी यह नहर पनामा की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और इसे देश की “रीढ़ की हड्डी” माना जाता है.
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