दीमा हसाओ (असम)। असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में स्थित एक 300 फीट गहरी कोयला खदान में फंसे 9 मजदूरों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है. खदान में पानी भर जाने के कारण यह दुर्घटना 6 जनवरी को हुई थी. बचाव दल अभी भी अन्य फंसे हुए मजदूरों की तलाश में जुटा है.
भारतीय सेना, असम राइफल्स, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से बचाव अभियान चला रही हैं. उमरंगसो क्षेत्र के 3 किलो स्थित इस खदान में बचाव कार्य सोमवार से लगातार जारी है. मंगलवार रात को बचाव कार्य रोक दिया गया था, लेकिन बुधवार सुबह इसे फिर से शुरू कर दिया गया है.
एक प्रत्यक्षदर्शी, जिसका भाई भी खदान में फंसा है, ने बताया कि अचानक पानी भरने से लोग चिल्लाने लगे. लगभग 30-35 लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन 15-16 लोग अंदर ही फंस गए.
दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक मयंक झा ने बताया कि खदान में कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक पानी भरने के कारण मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. आपातकालीन प्रतिक्रिया दल, स्थानीय अधिकारी और खनन विशेषज्ञों की टीम बचाव अभियान में जुटी हुई है.
रैट होल माइनिंग:
रैट होल माइनिंग एक खतरनाक तरीका है जिसमें पहाड़ के किनारे एक छोटा सा छेद बनाकर खुदाई की जाती है. इसमें छोटी हैंड ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल होता है और मलबा हाथ से ही बाहर निकाला जाता है. यह तरीका आमतौर पर कोयले की खदानों में इस्तेमाल किया जाता है, खासकर झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी राज्यों में. इसकी खतरनाक प्रकृति के कारण इसे कई बार प्रतिबंधित भी किया जा चुका है.
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