तेल अवीव: इज़राइली सेना ने सीरिया में ईरान के नापाक इरादों को नाकाम करते हुए एक भूमिगत मिसाइल फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया। यह फैक्ट्री सीरियाई सैन्य ठिकानों पर बनाई जा रही थी और इसमें ईरान हिज़्बुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों के लिए मिसाइलें तैयार कर रहा था। इज़राइली सेना ने पहली बार इस ऑपरेशन की पुष्टि की है, जो पिछले साल सितंबर में अंजाम दिया गया था। इसमें लगभग 100 इज़राइली सैनिक शामिल थे।
एलीट शालदाग यूनिट के कमांडो ने 8 सितंबर को सीरियाई शहर मस्याफ में वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान केंद्र पर छापा मारा। इस केंद्र में हथियारों का उत्पादन हो रहा था, जिसे सेना ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
इज़राइली रक्षा बल (IDF) के अनुसार, “इस फैक्ट्री में ईरान, इज़राइल की उत्तरी सीमा पर अपने सहयोगियों को हथियार देने के लिए मिसाइलें बनवा रहा था। इस परिसर में सटीक मिसाइलों और लंबी दूरी के रॉकेटों का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन की गई उन्नत उत्पादन लाइनें शामिल थीं। इससे हिज़्बुल्लाह और क्षेत्र में अन्य ईरानी समर्थित आतंकी संगठनों को मिसाइल आपूर्ति का दायरा बढ़ जाता।”
हिज़्बुल्लाह के लिए हो रहा था उत्पादन:
इज़राइली सेना के मुताबिक, इस फैक्ट्री में 250-300 किलोमीटर रेंज वाली M600F मिसाइलें, 130 किलोमीटर रेंज वाली सटीक M302 मिसाइलें, 70 किलोमीटर रेंज वाली M220 मिसाइलें और 40 किलोमीटर रेंज वाले ट्रक से लॉन्च किए जाने वाले M122 रॉकेट बनाए जा रहे थे। इन सभी हथियारों का इस्तेमाल हिज़्बुल्लाह द्वारा किया जाना था।
रासायनिक हथियारों का भी उत्पादन:
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन सैन्य ठिकानों पर जैविक और रासायनिक हथियारों का भी उत्पादन हो रहा था। इज़राइली कमांडो आगे की जांच के लिए कई हथियार और खुफिया दस्तावेज अपने साथ वापस ले गए।
गौरतलब है कि दिसंबर में बशर अल-असद की ईरान समर्थित सीरियाई सरकार को उखाड़ फेंका गया था। दमिश्क के पतन के बाद इज़राइल ने सीरियाई और ईरानी सैन्य ठिकानों पर हवाई हमलों की एक श्रृंखला शुरू की ताकि हथियार इस्लामी विद्रोहियों के हाथों में न पड़ें।
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