देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों के दौरान कांग्रेस के भीतर पुराने घाव एक बार फिर हरे हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2016 में अपनी सरकार के दौरान हुई बगावत का मुद्दा फिर से उठाया है, जिससे पार्टी में आंतरिक कलह की स्थिति साफ दिखाई दे रही है।
निकाय चुनावों के टिकट वितरण के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद सामने आए। इसी बीच हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में 2016 की बगावत और उस दौरान हुए स्टिंग ऑपरेशन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने कांग्रेस की राजनीति और राज्य पर गहरा प्रभाव डाला है और इस पर उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए। गौरतलब है कि रावत इस स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।
हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में स्टिंग ऑपरेशन में फंसने के पीछे कुछ कारण भी बताए। बताया जा रहा है कि टिकट वितरण के दौरान वरिष्ठ नेताओं के बीच कई बार मतभेद उभरे, जिससे रावत नाराज हुए और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी।
इस घटना से साफ है कि कांग्रेस में गुटबाजी अभी भी जारी है और पार्टी कार्यकर्ता इसे नियति मानकर स्वीकार कर चुके हैं। यह घटना आने वाले समय में पार्टी के लिए चुनौती बन सकती है।
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