
धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एक नया कानून बनाया जाएगा। इसके लिए विधि विभाग से विचार-विमर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन नदियों के तटीकरण पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, वहां माइनिंग लीज की अनुमति नहीं दी जाएगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और विधायकों को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर क्लीन चिट दी है।
विपक्ष का वाकआउट:
गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर दो दिन चली चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के किसी भी मंत्री या विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा किया और सदन से वाकआउट कर दिया।
भ्रष्टाचार के सबूत मिलने पर कड़ी कार्रवाई:
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार न तो प्रदेश की संपत्ति को लूटने देगी और न ही लुटाने देगी। जहां भी भ्रष्टाचार के सबूत मिलेंगे, कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पहले दिन से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।
भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप:

मुख्यमंत्री ने नादौन में 80 कनाल जमीन बेचे जाने के विवाद पर कहा कि यह जमीन भाजपा कार्यकर्ताओं की है और पार्टी की आंतरिक कलह के कारण भाजपा उन्हें फंसाना चाह रही है। उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की ‘वॉशिंग मशीन’ जिसमें धुलकर सभी भ्रष्टाचारी आरोप मुक्त हो जाते हैं, वह भी उसी मशीन को खरीद रहे हैं।
हर्ष महाजन का उदाहरण:
मुख्यमंत्री ने भाजपा के राज्यसभा सदस्य हर्ष महाजन का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने अपने पहले के आरोप पत्र में उन पर राज्य सहकारी बैंक में गड़बड़ियों का आरोप लगाया था, लेकिन अब वे ‘वॉशिंग मशीन’ में धुलकर बेदाग हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हर्ष महाजन के खिलाफ भाजपा सरकार ने जांच शुरू की थी, लेकिन उनके भाजपा में शामिल होने के दो महीने बाद जांच बंद कर दी गई।
जयराम ठाकुर को सलाह:
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वह अपनी कुर्सी संभालें, क्योंकि कांग्रेस सरकार की कुर्सी पहले ही पक्की हो चुकी है।
आबकारी नीति पर विपक्ष का हंगामा:
जब मुख्यमंत्री ने आबकारी नीति और शराब के ठेकों की नीलामी से 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का जिक्र किया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन से वाकआउट कर दिया।
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