
देहरादून: उत्तराखंड सरकार स्टांप और रजिस्ट्रेशन से होने वाली आय बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाश रही है। भूमि की खरीद-बिक्री के अलावा, सरकार अब मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच किरायानामा को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। इसके लिए स्टांप शुल्क की दरों में कमी लाने पर भी विचार किया जा रहा है।
शहरीकरण के साथ बढ़ी किरायेदारों की संख्या:
प्रदेश में तेजी से बढ़ते शहरीकरण के साथ ही शहरों में किरायेदारों की संख्या में भी इज़ाफ़ा हुआ है. हालांकि, किरायानामा को लेकर अभी भी उदासीनता का माहौल है। सरकार इस उदासीनता को दूर कर किरायानामा को प्रोत्साहित करना चाहती है.
राजस्व में वृद्धि से उत्साहित सरकार:
स्टांप और रजिस्ट्रेशन से होने वाली कर आय में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे सरकार और विभाग, दोनों उत्साहित हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस मद से 2432 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो कि निर्धारित लक्ष्य 2063 करोड़ रुपये से अधिक था। इस सफलता को देखते हुए, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2665 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, पहली तिमाही में राजस्व संग्रह लक्ष्य से कुछ कम रहा था, लेकिन अब तक 1722 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है.
किरायानामा को बढ़ावा देने पर ज़ोर:

राजस्व वृद्धि को देखते हुए सरकार ने विभाग को नए तरीके ढूंढने के निर्देश दिए हैं। इसमें किरायानामा को बढ़ावा देने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है. इससे न केवल सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच विवाद भी कम होंगे.
स्टांप शुल्क में कमी की संभावना:
विभाग को किरायानामा को बढ़ावा देने के लिए स्टांप शुल्क में कमी करने की संभावना तलाशने को कहा गया है। इसके अलावा, राजस्व न्यायालयों में लंबित स्टांप कर से संबंधित मामलों के जल्द निपटारे पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव वित्त का बयान:
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने कहा कि स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को इन प्रस्तावों के साथ ही अन्य नवाचारों पर भी काम करने को कहा गया है।
स्टांप और रजिस्ट्रेशन से प्राप्त आय (करोड़ रुपये में):
वर्ष | राजस्व |
2019-2020 | 1072 |
2020-21 | 1107 |
2021-22 | 1488 |
2022-23 | 1987 |
2023-24 | 2432 |
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