Punjab: चंडीगढ़ में बेरोज़गारी दर 7.1%, देश में चौथे स्थान पर – The Hill News

Punjab: चंडीगढ़ में बेरोज़गारी दर 7.1%, देश में चौथे स्थान पर

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चंडीगढ़, [07 dec]: देश के सबसे शिक्षित शहरों में शुमार चंडीगढ़ में बेरोज़गारी की दर चिंताजनक स्तर पर पहुँच गई है। नए आँकड़ों के अनुसार, चंडीगारी में बेरोज़गारी दर 7.1 प्रतिशत है, जो देश में चौथे स्थान पर है। गोवा, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में ही चंडीगढ़ से अधिक बेरोज़गारी है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में बेरोज़गारी दर 3.4 प्रतिशत और पंजाब में 5.5 प्रतिशत है।

राज्यसभा में पेश हुए आँकड़े:

ये आँकड़े राज्यसभा में श्रम और रोज़गार मंत्री मनसुख मंडाविया ने इमरान प्रतापगढ़ी के सवाल के जवाब में पेश किए हैं। चंडीगढ़ की बेरोज़गारी दर देश की औसत बेरोज़गारी दर (3.2 प्रतिशत) से लगभग दोगुनी है। चंडीगढ़ में सबसे अधिक उच्च शिक्षित बेरोज़गार हैं, जिनमें सेकेंडरी या उससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त करने वालों की बेरोज़गारी दर 4.5 प्रतिशत है।

उद्योगों का पलायन और रोज़गार के अवसरों में कमी:

बेरोज़गारी दर में लगातार वृद्धि चिंता का विषय है। इसके मुख्य कारणों में चंडीगढ़ में नए रोज़गार के अवसरों का न बढ़ना शामिल है। सरकारी क्षेत्र के बाद, उद्योग ही रोज़गार का सबसे बड़ा स्रोत है, लेकिन चंडीगढ़ में उद्योगों की संख्या सीमित है। सीमित भूमि, सख्त नियम और अपर्याप्त सुविधाओं के कारण उद्योग दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। पिछले तीन-चार वर्षों में 150 से अधिक औद्योगिक इकाइयाँ हरियाणा और पंजाब के शहरों में स्थानांतरित हो चुकी हैं। उद्योगों के सामने प्रमुख चुनौतियाँ हैं- प्लाट की लीज़ होल्ड बेस ट्रांसफर में कठिनाई, भवन दुरूपयोग उल्लंघन और एमएसएमई योजनाओं का सही ढंग से लागू न होना।

सरकारी पदों में कमी और आउटसोर्सिंग में वृद्धि:

बेरोज़गारी दर में वृद्धि का एक अन्य कारण प्रशासन और नगर निगम में नियमित पदों की संख्या में लगातार कमी आना है, जिससे ये पद खाली पड़े रहते हैं। इसके विपरीत, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2019-20 में नगर निगम में 3407 नियमित कर्मचारी थे, जो 2024-25 में घटकर 2362 रह गए हैं, जबकि इसी अवधि में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की संख्या 3072 से बढ़कर 6965 हो गई है।

चंडीगढ़ में बढ़ती बेरोज़गारी एक गंभीर समस्या है, जिसके लिए सरकार को प्रभावी नीतियाँ बनाने और उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है। नियमित पदों की कमी को दूर करने और आउटसोर्सिंग पर निर्भरता को कम करने पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है।

 

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